खांसी को दूर भगाए कफहरण कफ सिरप

By: Nov 16th, 2019 12:02 am

चंडीगढ़ –धारीशाह फार्मेसी का सफर स्वर्गीय हकीम धारीशाह द्वारा 1889 में मियांवाली लाहौर से शुरू होकर इसका प्रबंधन हकीम रामदास द्वारा 1948 में अंबाला कैंट में हुआ। आयुर्वेद की उत्पत्ति भारत वर्ष में प्राचीन काल में हुई और इसमें हर बीमारी का निवारण है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों की टीम के अथक प्रयासों द्वारा धारीशाह फार्मेसी आज अपने उत्तम उत्पादन के लिए जाना जाता है। इसी शृंखला में मानवता की सेवा के लिए अब धारीशाह फार्मेसी ने अपना नया उत्पाद कफहरण कफ सिरप बनाया है, जो 1090 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का संयोजन है। इसमें अल्कोहल, कोडिन या अन्य मादक तत्व शामिल नहीं हैं। इसमें अदरक, लंबी मिर्च, दालचीनी, लौंग, बनफशा, मुलेठी, हल्दी, तुलसी, सोमलता, नौशादर, पुदीना आदि आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां और मसाले हैं, जो खांसी को ठीक करने के लिए बेहद फायदेमंद हैं। यह सूखी जलन और एंठन खांसी स्वरयंत्रशोध और ब्रोनक्राइटिस के उपचार में काफी प्रभावी है, क्योंकि यह ब्रोंकिओल्स और ब्रोंची में जमा बलगम को निकाल देता है और श्वास नली को स्वतंत्र रूप से सांस लेने के लिए साफ करता है। एलोपैथिक दवाएं आमतौर पर खांसी को दबाने की कोशिश करती हैं, लेकिन आयुर्वेदिक उपचार में दवाई खांसी पैदा करने के पीछे के मूल कारण को पूरी तरह से काटने की कोशिश करती हैं। इसलिए आयुर्वेदिक दवाइयां मनुष्य को बीमारियों से स्थायी राहत के लिए अधिक स्वीकार्य हैं।


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