गुरमीत बेदी को मिलेगा राष्ट्रीय सम्मान
जालंधर में 24 नवंबर को राष्ट्रीय हास्य व्यंग्य चेतना अवार्ड से नवाजे जाएंगे
चंडीगढ़ – जाने-माने व्यंग्यकार, कवि व कथाकार गुरमीत बेदी को पंजाब कला साहित्य अकादमी द्वारा 24 नवंबर को जालंधर में आयोजित समारोह में राष्ट्रीय हास्य व्यंग्य चेतना अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। अकादमी पिछले 23 वर्षों के अपने इतिहास में पहली बार किसी व्यंग्यकार को यह अवार्ड प्रदान कर रही है। अकादमी द्वारा आयोजित किए जा रहे राष्ट्रीय स्तर के इस समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए कई अन्य विभूतियों को भी सम्मानित किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के चंडीगढ़ स्थित प्रेस संपर्क कार्यालय में उपनिदेशक के पद पर कार्यरत गुरमीत बेदी की साहित्य की विभिन्न विधाओं में एक दर्जन से अधिक पुस्तकें और तीन उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं। गुरमीत बेदी को हिमाचल साहित्य अकादमी पुरस्कार व हिमाचल प्रदेश राज्य भाषा सम्मान सहित देश-विदेश के अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं। देश के प्रमुख समाचार पत्रों में उनके व्यंग्य के कॉलम बड़े चाव से पढ़े जाते हैं। उन्हें व्यंग्य लेखन के लिए कनाडा के विरसा अवार्ड के अलावा प्रतिष्ठित व्यंग्य यात्रा सम्मान भी मिल चुका है। गुरमीत बेदी की व्यंग्य विधा में तीन पुस्तकें इसलिए हम हंसते हैं, नाक का सवाल व खबरदार जो व्यंग्य लिखा शीर्षक से प्रकाशित हो चुकी हैं। गुरमीत बेदी मारीशस व जर्मनी के बर्लिन में आयोजित वर्ल्ड पोएट्री फेस्टिवल में भी भाग लेकर हिमाचल प्रदेश को गौरवान्वित कर चुके हैं। उनके कविता संग्रह ‘मेरी ही कोई आकृति’ का जर्मन कवियत्री रोजविटा ने जर्मनी में भी अनुवाद किया है। बेदी के कहानी संग्रह सूखे पत्तों का राग की साहित्यिक क्षेत्रों में काफी चर्चा हुई है, जिसकी भूमिका इस वर्ष के साहित्य अकादमी अवार्ड से अलंकृत जानी-मानी कथाकार चित्रा मुदगल ने लिखी है। एस्ट्रोलॉजी साइंस पर उनकी शोध पुस्तक इसी माह आ रही है।
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