गुरु पर्व पर निकला भव्य नगर कीर्तन

पांवटा साहिब में पंज प्यारों की अगवाई में गुरुद्वारा साहिब से नगर में निकला भव्य जत्था

पांवटा साहिब –गुरु की नगरी पांवटा साहिब मंे सिखों के पहले गुरु श्री गुरु नानक देव जी के ऐतिहासिक 550वें प्रकटोत्सव के मौके पर सोमवार को भव्य नगर-कीर्तन निकाला गया। कीर्तन की अगवाई गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब से पंज प्यारों ने की। दोपहर करीब डेढ़ बजे गुरुद्वारा साहिब से निकले इस नगर कीर्तन में हजारों की संख्या मंे संगत मौजूद रही। यह नगर कीर्तन बाजार से होते हुए वाई प्वायंट, शमशेरपुर तथा बद्रीपुर पहुंचा। वहां से वापस गुरुद्वारा साहिब मंे देर शाम इसका समापन हुआ। इस नगर कीर्तन मंे पांवटा साहिब के विभिन्न स्कूलों के बच्चे रंग-बिरंगी पोषाकों मंे बैंड के साथ शामिल हुए। स्थानीय गतका पार्टी ने अपने हैरतअंगेज करतब दिखाकर सभी को अचंभित किया। सिख समुदाय के विभिन्न संगठनों ने भी इस कीर्तन में अपनी हाजिरी भरी। एक भव्य व सुंदर पालकी में गुरु ग्रंथ साहब को सजाकर नगर कीर्तन का आयोजन हुआ। इस दौरान ट्रैफिक व्यवस्था में रूकावट न हो इसके लिए पुलिस ने व्यापक प्रबंध किए हुए थे। इस दौरान, जहां पांवटा नगर भव्य तरीके से सजा हुआ है, वहीं नगर कीर्तन में भाग लेने वालों की सेवा के लिए भक्तों ने जलपान व प्रसाद के जगह-जगह स्टाल लगाकर सेवा की। उल्लेखनीय है कि यह आयोजन कई दशकों से प्रतिवर्ष गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पांवटा साहिब द्वारा भव्य तरीके से किया जाता है। मंगलवार को गुरु नानक देव जी के प्रकटोत्सव के मौके पर गुरुद्वारे में कई महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम होने हैं। उल्लेखनीय है कि गुरु पर्व के इस मौके पर पंजाब सहित उत्तरी भारत के विभिन्न राज्यों से हजारों की संख्या में संगत पांवटा साहिब पहुंच रही है। संगत यहां पर माथा टेकने के बाद गुरुद्वारा श्री कपाल मोचन बिलासपुर हरियाणा में भी शीश नवाने जाते हैं। पर्व को लेकर गुरुद्वारा साहिब मंे विशेष लंगर का आयोजन किया जा रहा है। संगत के ठहरने की भी प्रबंधक कमेटी ने उचित व्यवस्था की है। बहरहाल पांवटा साहिब में गुरु पर्व पर उल्लास का माहौल है। इस नगर कीर्तन मंे हजारों की तादाद में संगत मौजूद रही।

आज रात को सजेगा कवि दरबार

गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब के उपप्रधान जत्थेदार हरभजन सिंह, प्रबंधक सरदार जगीर सिंह ने बताया कि 12 नवंबर मंगलवार को गुरु महाराज का प्रकटोत्सव है। इस दिन निशान साहब झुलाए जाएंगे। अमृत संचार होगा। सारा दिन विशेष दीवान सजेगा, जिसमें स्कूलों के बच्चे, बाहर से आए हुए रागी व ढाढी जत्थे व स्थानीय रागी कीर्तन द्वारा संतों को निहाल करेंगे। रात नौ  से 12 बजे तक कवि दरबार सजेगा, जिसमें दूर-दूर से आए कवि गुरु नानक देव जी के जीवन से संबंधित रचनाओं को  प्रस्तुत करेंगे।