छोटे ओवर मेच्योर पेड़ों की बनेगी रिपोर्ट

By: Nov 19th, 2019 12:20 am

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित टीम पहुंची बिलासपुर, आज से भराड़ी रेंज के पांच जंगलों में शुरू करेगी काम

बिलासपुर –जंगलों में ऐसे पेड़ जो पूर्ण विकसित (ओवर मेच्योर) हो चुके हैं, लेकिन उनकी वृद्धि नहीं हो रही हो। इस तरह के पेड़ों की रिपोर्ट तैयार करने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई एक टीम सोमवार शाम बिलासपुर पहंुच गई है। दो सदस्यीय यह टीम भराड़ी रेंज के जंगलों की ग्रीन फैलिंग की रिपोर्ट तैयार करेगी।  मुख्य अरण्यपाल बिलासपुर आरएस पटियाल ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि ग्रीन फैलिंग एक्सपेरिमेंट के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के बिलासपुर, पांवटा और नूरपुर के जंगलों का चयन किया है।  बिलासपुर में चीड़ के पेड़ों, पांवटा में साल के पेड़ांे और नूरपुर में खैर के पेड़ों की ग्रीन फैलिंग रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए दो साल तक के लिए यह टीम बनाई गई है। इसमें सेवानिवृत्त पीसीसीएफ वीपी मोहन को टीम का चेयरमैन बनाया है। वहीं, नौणी विश्विविद्यालय के डा. भारद्वाज भी इस टीम में शामिल है। आरएस पटियाल ने बताया कि बिलासपुर में इससे पहले दो बार टीम विजिट कर ग्रीन फैलिंग की रिपोर्ट तैयार कर सबमिट कर चुकी है। अब  तीसरी दफा यह रिपोर्ट तैयार की जा रही है।  भराड़ी रेंज के निहारी, मुंडखर, कल्लर और कंयाबलू-एक और कंयाबलू-दो जंगल में चीड़ के पेड़ांे की रिपोर्ट बनाई जा रही है। मुख्य अरण्यपाल ने बताया कि प्रदेश के तीन अलग-अलग हिस्सों में तैयार की जा रही इस रिपोर्ट को माननीय सुप्रीम कोर्ट की अनुमति मिलने के उपरातं उन सभी पेड़ों को काटा जाएगा, जो पूर्ण विकसित होने के बाद भी बढ़ नहीं पा रहे हो। जहां-जहां ऐसे पेड़ कटेंगे, वहां  विभाग नए पेड़ भी लगाएगा। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई यह टीम हर छह महीने में जंगलों की रिपोर्ट तैयार करने आती है। सोमवार शाम को बिलासपुर पहंुची यह टीम बरठीं रेस्ट हाउस में नाइट स्टे करेगी। मंगलवार सुबह से टीम अपने काम में जुट जाएगी। विभाग की मानें तो ओवर मेच्योर यानी अधिक उम्र के पेड़ जंगल की सेहत के लिहाज से बहुत अच्छे नहीं कहे जा सकते। मुख्य अरण्यपाल बिलासपुर आरएस पटियाल ने बताया कि जंगलों का सही प्रबंधन नहीं होने के कारण कई सारी मुश्किलें खड़ी हो जाती हैं।  जंगल का प्रबंधन न होने के कारण पेड़ों में काफी संघनता आ रही है। उनका कहना है कि ओवर मेच्योर और कमजोर हो चुके पेड़ों को काटना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर पेड़ों की ग्रोथ का समान वितरण नहीं होगा, जिससे पेड़ की गुणवता भी कमजोर होगी। अरण्यपाल ने बताया कि अपना काम पूरा करने के बाद यह टीम 21 नंवबर को वापस लौट जाएगी।

 


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