जेएनयू छात्रों पर एफआईआर

By: Nov 20th, 2019 12:05 am

विरोध-प्रदर्शन को लेकर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई; संसद में भी उठा मामला, उच्चस्तरीय जांच की मांग

नई दिल्ली – जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में फीस वृद्धि को लेकर छात्रों के विरोध-प्रदर्शन और उन पर हुई पुलिसिया कार्रवाई का मुद्दा मंगलवार को लोकसभा में भी उठा। दूसरी ओर दिल्ली पुलिस ने सोमवार के प्रदर्शन के दौरान दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के मामले में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की है। दिल्ली पुलिस ने 17 नवंबर को भी जेएनयू परिसर में लगी विवेकानंद की मूर्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एफआईआर दर्ज किए जाने के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कानून की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है, लेकिन उन्होंने इस संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं दी। जेएनयू छात्रों ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया था, जिससे शहर के कई हिस्सों में जाम लग गया था। पुलिस के अनुसार आठ घंटे तक चले इस प्रदर्शन के दौरान लगभग 30 पुलिसकर्मी और 15 छात्र घायल हो गए थे। उधर, मंगलवार को लोकसभा की कार्रवाई के दौरान बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के सांसद दानिश अली ने जेएनयू स्टूडेंट पर लाठीचार्ज और बर्बरतापूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाते हुए सरकार से उच्चस्तरीय जांच करवाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार को इस निंदनीय घटना के लिए माफी मांगनी चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला द्वारा नाम पुकारे जाने पर यूपी के अमरोहा से सांसद ने कहा कि मैं एक महत्त्वपूर्ण मुद्दा यहां उठाने खड़ा हुआ हूं। जवाहर लाल यूनिवर्सिटी के छात्रों पर जिस तरह से लाठीचार्ज हुआ है, वह निंदनीय है। इसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और सरकार माफी मांगे। दिल्ली पुलिस ने बर्बरतापूर्वक छात्रों पर कार्रवाई की है। वहीं, कांग्रेस नेता टीएन प्राथपन ने जेएनयू स्टूडेंट पर पुलिसिया कार्रवाई की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि विपक्ष प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ है।

प्लान के तहत अलग किए छात्रसंघ के चारों सदस्य

जेएनयू के छात्रसंघ की अध्यक्ष आईशी घोष ने मीडिया को संबोधित किया। संबोधन में उन्होंने पुलिसवालों पर आरोप लगाया कि उन्होंने प्लान के तहत छात्र संघ के चारों सदस्यों को अलग कर दिया। आईशी ने कहा कि पुलिसवालों ने संसद तक मार्च के दौरान लाइट बंद करके छात्रों पर लाठीचार्ज किया था। आईशी ने यह भी कहा कि यूनिवर्सिटी के वीसी उस तीन सदस्यों की कमेटी से भी मिलने को तैयार नहीं हैं, जिसको मानव संसाधन मंत्रालय ने ही नियुक्त किया।

दिल्ली पुलिस का आरोप से इनकार

दिल्ली पुलिस ने छात्रों पर बलप्रयोग की बात नकार रही है। खबरों के मुताबिक, पुलिस ने उन करीब 100 छात्रों को सिर्फ हिरासत में लिया, जिन्होंने प्रदर्शन के दौरान निर्देशों का उल्लंघन किया। पुलिस की ओर से सोमवार को जारी बयान में भी इस बात का उल्लेख किया गया था कि छात्रों के कुछ ग्रुप आक्रामक हो रहे थे जिस वजह से उन्हें हिरासत में लिया गया।


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