ज्ञानलोक

By: Nov 22nd, 2019 12:03 am
  1. विश्व में सबसे बड़ा द्वीप समुद्र कौन सा है?

(क) गैलापागोस

(ख) भूमध्य सागर

(ग) टीथीज सागर

(घ) अन्य

  1. विश्व की उच्चतम पर्वत चोटी कौन सी है?

(क) माउंट एवरेस्ट

(ख) हिमालय

(ग) पारसनाथ

(घ) बेलुखा

  1. विश्व में सबसे बड़ा महासागर कौन सा है?

(क) अटलांटिक महासागर

(ख) प्रशांत महासागर

(ग) हिंद महासागर

(घ) दक्षिण धु्रवीय महासागर

  1. विश्व में सबसे अधिक वितरण वाला अंग्रेजी अखबार कौन सा है?

(क) दि न्यूयॉर्क टाइम्स

(ख) दि गार्डियन

(ग) दि टाइम्स ऑफ इंडिया

(घ) इंडिया एक्सप्रेस

  1. विश्व में सबसे लंबा रेलवे प्लेटफार्म कहां है?

(क) खड़गपुर

(ख) शोलापुर

(ग) गोरखपुर

(घ) जोधपुर

उत्तर: 1 ख 2 क 3 ख 4 ग 5 ग

नई नियुक्ति

आशुतोष पंत ने मंडल रेल प्रबंधक जोधपुर का कार्यभार संभाला   

जोधपुर – उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर रेल मंडल के मंडल रेल प्रबंधक का कार्यभार आशुतोष पंत  ने गुरुवार को संभाल लिया। उन्होंने यह कार्यभार गौतम अरोरा के स्थान पर संभाला है, जिन्होंने अपना निर्धारित दो वर्ष का कार्यकाल पूरा किया है। आशुतोष पंत भारतीय रेलवे विद्युत  इंजीनियरिंग सेवा के 1989 बैच के अधिकारी हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे के  वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी गोपाल शर्मा के अनुसार आशुतोष पंत, बिट्स , पिलानी से इलेक्ट्रिकल एवं इंजीनियरिंग विषय में  बीई तक उच्च शिक्षा प्राप्त हैं । रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी आशुतोष पंत  को  रेलवे विद्युतिकरण सहित रेलवे की विभिन्न नीतियों का वृहद अनुभव है।

21 साल में जज बने राजस्थान के मयंक

जयपुर – राजस्थान के 21 वर्षीय मयंक प्रताप सिंह ने इतिहास रचा है। वह 21 साल की उम्र में जज बनने जा रहे हैं। मयंक ने बताया कि उन्हें आरजेएस परीक्षा की तैयारी में कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्होंने अपनी रुचि से लेकर अच्छा जज बनने के क्राइटेरिया पर बातचीत की। मयंक ने कहा कि जाहिर है बहुत खुशी हो रही है। मैंने उम्मीद की थी कि सेलेक्शन हो जाएगा, पर इतना अच्छा रिजल्ट आएगा इसकी उम्मीद नहीं थी। मेरे और मेरे परिवार के लिए ये बहुत खुशी की बात है। घर में जब से रिजल्ट आया है खुशी का माहौल है। ये मेरे लिए बहुत कठिन था। मैं अपने कालेज की पढ़ाई पूरी करके फाइनल इयर में था। उसके बाद मैंने तैयारी करनी शुरू की, जिससे मुझे ज्यादा पढ़ाई में ध्यान देना पड़ा। मैंने 11-12 घंटे मन लगाकर पढ़ाई की। लक्ष्य ये था कि परीक्षा शुरू होने से पहले मैं अपना सिलेबस खत्म कर सकूं और एग्जाम में अच्छा कर पाऊं। 21 वर्षीय मयंक ने यह भी कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा न्यूनतम आयुसीमा को 23 से घटाकर 21 करना उनके लिए काफी मददगार साबित हुआ। पहली बार जब रिक्त पदों के लिए नोटिफिकेशन आया था, तब मैं परीक्षा देने के लिए योग्य नहीं था, लेकिन बाद में उन्होंने उम्र कम कर दी और मैं योग्य हो गया। मैं अपने आप को किस्मत वाला समझता हूं। बहुत अच्छा लग रहा है कि मैं मैंने यह रैंक हासिल की। मयंक ने कहा कि उन्होंने इसी साल राजस्थान यूनिवर्सिटी से 5 साल का बीएएलएलबी किया है. अपनी प्रेरणा के बारे में उन्होंने कहा कि जब मैं 12वीं कक्षा में था तब मुझे लगता था कि ज्यूडिशियरी का समाज में कितना महत्त्वपूर्ण रोल है। न्यायालयों में पेंडिंग मामले बहुत ज्यादा हैं. मैं अपना योगदान देना चाहता था जिससे लोगों को न्याय दे सकूं। शायद मेरे लिए वही प्रेरणा बनी जिसकी वजह से ये किया।

राजनीतिक विज्ञापनों पर नियम कड़े करेगा गूगल

कैलिफोर्निया – दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल अपने प्लेटफॉर्म पर राजनीतिक विज्ञापनों के लिए नियम कड़े करने जा रहा है। गूगल ने यहां एक बयान जारी कर कहा कि राजनीतिक विज्ञापनों पर बढ़ती चिंताओं और चर्चाओं को ध्यान में रखते हुए तथा लोकतांत्रिक प्रक्रिया में मतदाताओं का संपूर्ण विश्वास बनाए रखने के लिए हम नियमों में कुछ बदलाव करने जा रहे है। इन बदलावों से हम इंटरनेट, राजनीतिक विज्ञापनों तथा चुनावी प्रक्रिया में लोगों को विश्वास का बढ़ाना चाहते है। कंपनी ने कहा कि उनके प्लेटफार्म पर राजनीतिक विज्ञापन फिलहाल तीन प्रारूप में है। पहला कि जब लोग किसी मुद्दे को लेकर गूगल पर सर्च करते है, दूसरा यूट््यूब वीडियो पर विज्ञापन तथा तीसरा माध्यम डिस्प्ले विज्ञापन के तौर पर है जो वेबसाइट पर दिखते हैं। उसने जोर देकर कहा कि कंपनी ने राजनीतिक विज्ञापनों की सीमा तथा उन्हें आयु, लिंग तथा स्थान के आधार पर विभाजित करने का फैसला किया है। बयान के अनुसार नए नियम ब्रिटेन में एक सप्ताह के भीतर लागू कर दिए जाएंगे, जबकि यूरोपीय संघ में शामिल देशों में इस वर्ष के अंत तक यह कानून लागू होंगे। अन्य देशों में छह जनवरी से अमल में लाए जाएंगे। इससे पहले अक्तूबर में ट््विटर के मुख्य कार्यकारी जैक डोरसे ने कहा कि ट््विटर अपने प्लेटफार्म पर सभी तरह के राजनीतिक विज्ञापनों पर 22 नवंबर से पूरी तरह से प्रतिबंध लगा देगा। उनका कहना था कि राजनीतिक संदेशों को लोगों तक पहुंचाने का आधार विश्वसनीयता होनी चाहिए, पैसा नहीं।


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