दलितों पर हमले की निंदा

By: Nov 17th, 2019 12:20 am

सरकाघाट – दलित शोषण मुक्ति मंच  सरकाघाट कमेटी ने सिरमौर जिला के नाहन में सुरला गांव में दलितों को उच्च जाति के कुछ लोगों द्वारा पीटने की घटना की कड़ी निंदा की है। मंच के संयोजक दीपक प्रेमी, दीप कुमार संधू, नानक चंद, गुरदेव, ध्यान चंद, सुभाष चंद, चमन लाल, नरेंद्र कुमार, हैप्पी कुमार, नितिन कुमार, परमा नंद, रोशन लाल, मान सिंह, रूप लाल, गोपाल चंद, डाक्टर कालिदास इत्यादि ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में दलितों पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं और पुलिस प्रशासन व सरकार उन पर रोक लगाने में नाकामयाब हो रहे हैं, जिस कारण ये घटनाएं रुकने के बजाए बढ़ते जा रहे हैं। दो दिन पहले सिरमौर जिला के सुरला गांव में दलित बस्ती के पेयजल स्रोत के पास महिला के अंतिम संस्कार को लेकर हुए विवाद और विरोध करने के चलते दो जाति के गुटों में झगड़ा हो गया, जिससे दलितों को पीटा गया है और गंभीर रूप से घायल कर दिया, लेकिन पुलिस इस सारे मामले में मूकदर्शक बनी रही। दलित शोषण मुक्ति मंच ने इन घटनाओं पर रोक लगाने की मांग की है और सिरमौर हुई की घटना में शामिल दोषियों को कानून के तहत सजा देने की मांग की है। उधर, इस जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने भी इस घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देव भूमि कहलाता हैं यहां पर अनेक देवी देवताओं के मंदिर विभिन्न स्थानों पर बने हैं  परंतु  वे सभी मनुवाद के आधार पर काम करते हैं, जिसमें उच्च वर्ग के लोगों के द्वारा ऐसे नियम बनाए गए हैं, जो दलितों के मानवीय और सवैधानिक अधिकारों के खिलाफ जाते हैं।  उन्होंने कहा कि यदि कोई मामला उजागर हो भी जाता है तो उसका न्याय दलितों को मिल नहीं पाता। इसी डर के कारण दलित लोग केस को पुलिस मे देने की अपेक्षा गांव के समझौते में फंस जाते हैं। ऐसे बहुत से मामले प्रदेश में हुए हैं, जिन्हें स्थानीय उच्च वर्ग के लोगों द्वारा सजा होने के डर से गांव की बैठक द्वारा निपटा दिया जाता है। हाल ही में सरकाघाट व सिरमौर में हुई घटना में पुलिस प्रशासन की भूमिका सही नहीं रही है, जिस बारे सरकार को संज्ञान लेना चाहिए।


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