दशकों से सपने सच कर रहा ‘दिव्य हिमाचल’

 धर्मशाला –ग्रामीण परिवेश में पल-बढ़ रही प्रतिभाओं को तलाशने, तराशने और उन्हें घर-द्वार पर मंच प्रदान कर मुकाम तक पहुंचाने का जो क्रम ‘दिव्य हिमाचल मीडिया ग्रुप’ ने दशकों पहले शुरू किया है, आज उसके सकारात्मक परिणामों का हर कोई कायल है। यही वजह है कि इस मंच के माध्यम से अपने सपनों को साकार होते देख सूबे की प्रतिभाएं एक स्वर में यह चीख-चीख कर कहने में कोई हिचकिचाहट महसूस नहीं करती कि जनाब ऐसा मंच तो केवल ‘दिव्य हिमाचल’ ही दे सकता है। आईए आपको मीडिया ग्रुप के इवेंट ‘डांस हिमाचल डांस’ सीजन-7 के उन विजेताओं से रू-ब-रू करवाते हैं, जो गुमनामी से निकलकर लंबी उड़ान के लिए इस मंच को आधार मानते हैं।

मंजिल नजर के सामने थैंक्यू ‘दिव्य हिमाचल’

‘दिव्य हिमाचल’ के लोकप्रिय इवेंट ‘डांस हिमाचल डांस’ सीजन-7 के जूनियर सोलो प्रतियोगिता की विनर शिमला की शिवांशी कटोच का कहना है कि आज उसे एक बड़ी आर्टिस्ट बनने का सपना साकार होता दिखने लगा है। बेटी द्वारा प्रदेश का सबसे बड़ा खिताब अपने नाम करने से प्रफुल्लित शिवानी के पिता बलबीर तथा मां सुमन, जो ‘दिव्य हिमाचल’ के नियमित पाठक हैं, अपनी खुशी का इजहार करते हुए मीडिया ग्रुप का शुक्रिया अदा करते थक नहीं रहे। 

सपना सच हो गया

सीनियर सोलो के विनर परवाणू के 25 वर्षीय ओएस रैक्स वैसे तो खुद डांस टीचर हैं, लेकिन किसी प्रतियोगिता में पहली बार पहला स्थान पाने से मिली खुशी का पूरा श्रेय ‘दिव्य हिमाचल’ को देते हैं। रेक्स का कहना है कि टेरेंस लुइस संस्थान में एक लाख की छत्रवृत्ति पाना उसका सपना था। इसके लिए वह पिछले चार साल से कड़ी मेहनत कर रहे थे और अब जाकर उनका सपना पूरा हो रहा है।

कामयाबी से गदगद

जूनियर डुएट में पहला स्थान झटकने वाली चंबा की 16 वर्षीय आंचल तथा दिल्ली की विस्तता भले ही गत सीजन में इस मुकाम से चूक गई थीं, लेकिन इस बार अपनी कामयाबी से गदगद हैं। हिम अकादमी में जमा दो की पढ़ाई कर रही दोनों बालाओं को इस मंच के माध्यम से मिली सफलता से भविष्य के द्वार खुलते नजर आए।

सालों की मेहनत रंग लाई

सीनियर डुएट में विजेता का तमगा अपने नाम करने वाले कुल्लू बंजार के स्नातक कान्हा और तरु कहते हैं कि उनकी कई सालों की मेहनत रंग लाई है। उन्होंने ‘दिव्य हिमाचल’ का थैंक्स करते हुए कहा कि वह पूर्व में इसी प्रतियोगिता के फाइनलिस्ट रह चुके हैं तथा आज उसी मंच से उनका सपना साकार हुआ। इसका श्रेय वह अपनी मेहनत से ज्यादा इस मंच को देते हैं। 

हिमाचल में कमाल का टेलेंट  बस मौका मिलने की देर

धर्मशाला –‘दिव्य हिमाचल मीडिया ग्रुप’ के लोकप्रिय इवेंट ‘डांस हिमाचल डांस’ सीजन सात के ग्रैंड फिनाले में पहुंचे डांसर्ज की प्रतिभा देख मुंबई से पहुंचे जज एरिक भी खूब प्रभावित हुए। ‘दिव्य हिमाचल’ के मंच पर एक से बढ़कर एक परफार्मेंस को देखकर एरिक मास्टर भी तालियां बजाते नजर आए। प्रख्यात टेरेंस लुइस अकादमी के सीनियर कोरियोग्रॉफर एरिक मास्टर के अनुसार जिस तरह की प्रस्तुतियां ‘डीएचडी’ के मंच पर दी गई, उससे यह साफ हो गया कि प्रदेश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश के बच्चों को बढि़या प्रशिक्षण मिले, तो यह बड़े मंचों पर नाम कमा सकते हैं। एरिक मास्टर और उनके साथ आए निखिल ने माना कि वह दिन दूर नहीं जब ‘दिव्य हिमाचल’ के मंच से निकले प्रदेश के बच्चे डांस में बड़े स्तर पर नाम कमाएंगे। कई प्रस्तुतियों पर तो एरिक और निखिल अपनी कुर्सी पर ही थिरकते दिखाई दिए। प्रस्तुतियों के दौरान जज एरिक ने प्रतिभागियों को डांस के टिप्स भी दिए। इतना ही नहीं कुछ प्रतिभागियों की डिमांड पर एरिक मास्टर ने मंच पर जाकर  धमाल भी मचाया। गौर रहे कि ‘डांस हिमाचल डांस’ की सोलो प्रतियोगिता के विजेताओं को टेरेंस लुइस अकादमी में प्रशिक्षण का सीधा टिकट मिलता है।

टेरेंस लुइस अकादमी में निखरेगा प्रदेश का हुनर

धर्मशाला। ‘दिव्य हिमाचल’ के लोकप्रिय इवेंट ‘डांस हिमाचल डांस’  सीजन-सात के विजेता प्रतिभागियों को आकर्षक उपहारों के साथ ही किस्मत का ताला भी खुल गया है। अब पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश का हुनर टेरेंस लुइस अकादमी मुंबई में निखर कर देश-दुनिया को अपने डांस का जादू बिखेरेंगे। विजेताओं को अकादमी में मुफ्त ट्रेनिंग सेशन और कोर्स में स्कॉलरशिप प्रदान की जाएगी। टेरेंस लुइस एकेडमी मुंबई से पहुंचे स्टार डांसर एरिक भी प्रदेश का हुनर देखकर दंग रह गए ‘डीएचडी’ सीजन-सात के विजेता प्रतिभागियों को ‘दिव्य हिमाचल’ की ओर से आकर्षक उपहार, ट्रॉफी और सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। एरिक ने भी ‘डीएचडी’ के मंच से विजेताओं के लिए पुरस्कारों की झड़ी लगा दी। सीनियर सोलो में विजेता प्रतिभागी ओए रेक्स को टेरेंस लुइस एकेडमी मुंबई में मुफ्त ट्रेनिंग और एक लाख की स्कॉलरशिप दी जाएगी। इसके अलावा सीनियर सोलो की उपविजेता को 50 हजार की स्कॉलरशिप, सीनियर डुएट वर्ग में विजेता को 20 हजार की स्कॉलरशिप देने का तोहफा दिया है। इसके अलावा सीनियर ग्रुप कैटेगिरी में विजेता प्रति डांसर 20 हजार रुपए की स्कॉलरशिप प्रदान की गई। 

मेहमाननबाजी से दिल खुश हो गया

धर्मशाला। ‘डीएचडी’ सीजन सात के ग्रैंड फिनाले में बतौर निर्णायक पहुंचे टेरेंस लुइस अकादमी मुंबई के एरिक हिमाचल प्रदेश की मेहमाननबाजी और प्यार देखकर काफी खुश हुए। पहली बार हिमाचल पहुंचे एरिक को यहां के खूबसूरत नजारों, लोगों और प्रतिभागियों की हौसला अफजाई करने वाले दर्शकों की काफी अधिक सराहना की। उन्होंने कहा कि लोगों ने पहले ही दौरे में उन्हें अपना सा बना लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की प्रतिभाएं मुंबई में डांस सीखकर निखर रही हैं और अपना व प्रदेश का नाम रोशन कर रही है। एरिक ने कहा कि ‘दिव्य हिमाचल’ पहाड़ी क्षेत्र में प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने का बेहतरीन कार्य कर रहा है।