दस्तकारों का सहारा बनेंगे जयराम ठाकुर

By: Nov 19th, 2019 12:01 am

शिमला – प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे के परंपरागत दस्तकारों की सहायता के लिए सरकार नई योजना लाई है। इनके लिए मुख्यमंत्री दस्तकार सहायता योजना बनाई गई है, जिसे मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत प्रदेश के परंपरागत दस्तकारों को 30 हजार रुपए तक के उपकरण खरीदने पर सरकार 75 फीसदी अनुदान देगी। इन्हें केवल 25 फीसदी राशि ही खर्च करनी होगी। पहली दफा दस्तकारों को प्रोत्साहित करने और हिमाचल के हस्तशिल्प व हथकरघा को प्रोमोट करने के लिए सरकार ने यह योजना तैयार की है। इसमें काष्ठ कला, धातु कला, मूर्ति कला, चंबा रूमाल, कांगड़ा पेंटिंग, मिनिएचर आर्ट थंका पेंटिंग, हथकरघा पर बुनाई, गलीचा बुनाई व पारंपरिक आभूषण तैयार करने वाले दस्तकार शामिल होंगे। इन सभी को सरकार आर्थिक रूप से सबसिडी के माध्यम से मदद देगी। इस योजना का लाभ उठाने के लिए लोगों को बीडीओ के माध्यम से फार्म भरकर आवेदन करना होगा। वहां से फार्म जिला उद्योग केंद्र को आएगा। खरीदे जाने वाले औजारों का पक्का बिल देना होगा। बता दें कि हथकरघा और हस्तशिल्प प्रदेश की सांस्कृतिक परंपरा का अहम अंग है। यहां हर जगह के अपने अलग-अलग शिल्प हैं। यहां का प्राथमिक व्यवसाय कृषि, बागबानी, हथकरघा व हस्तशिल्प है, जिसमें लगातार गिरावट आ रही है। इससे इन कारीगरों का जीवनयापन करना मुश्किल हो गया है। ऐसे में सरकार इनकी मदद के लिए आगे आई है। इसे सोमवार को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गई है।

बेच नहीं पाएंगे औजार

इस योजना के तहत सरकार ने कुछ शर्तें लगाई हैं। लाभार्थी पांच वर्ष तक खरीदे गए औजार कहीं भी नहीं बेच सकेगा। वह अपने कार्यस्थल पर यह प्रदर्शित करेगा कि उसने मुख्यमंत्री दस्तकार सहायता योजना के तहत अनुदान प्राप्त किया है। विभाग ने इस योजना के लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं।

50 लाख का बजट

बजट में घोषित हुई इस योजना के लिए सरकार ने 50 लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया है। इस बजट से जितने लोगों को सहायता दी जा सकेगी, देंगे और इसका विस्तार भी किया जा सकेगा। वित्त विभाग ने इसे मंजूरी दे दी है।


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