निवेश लाने के लिए बदली नीतियां

By: Nov 14th, 2019 12:30 am

हिमाचल की तरक्की के लिए सरकार ने छह विभागों की पालिसी में किया बदलाव, कई जरूरी कदम भी उठाए

शिमला – जयराम सरकार ने छह विभागों की पालिसी में बदलाव कर निवेश को धरातल पर उतारने का प्रयास किया है। यह पहला अवसर है कि राज्य सरकार ने औद्योगिक इकाइयों के अलावा दूसरे क्षेत्रों में निवेश खींचने के लिए कदम उठाए हैं। इसके तहत हिमाचल में पहली बार फिल्म पालिसी बनाई गई। राज्य सरकार ने आयुर्वेदा के फील्ड में पहली बार फोकस करते हुए आयुष पालिसी तैयार की। इसी तरह सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र को आधार बनाकर जयराम सरकार ने आईटी एंड ईएसडीएम पालिसी को अमलीजामा पहनाया।पटरी से उतरे हाइड्रो सेक्टर को दोबारा स्थापित करने के लिए पावर पालिसी में जबरदस्त संशोधन किया। इसी तरह टूरिज्म पालिसी  2019 तैयार कर निवेश को धरातल पर उतारने की तैयारी हुई। इन्वेस्टर्स मीट के लिए अब तक हुए 93 हजार करोड़ के एमओयू बेशक पीठ थपथपाने के लिए सरकारी आंकड़ा उपलब्ध है। इससे बढ़कर जयराम सरकार की उपलब्धि दूसरे सेक्टर को फोकस करना रही है। इसी कारण इन्वेस्टर्स मीट से पहले छह विभागों की पालिसी तैयार कर निवेशकों को आकर्षित किया गया। जाहिर है कि इससे पहले भी इन्वेस्टर्स मीट आयोजित होती रही हैं। इससे पहले सभी सरकारों का फोकस इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर  पर फोकस रहा है। यह पहला अवसर है कि जयराम सरकार ने पर्यटन, आयुष, आईटी, पावर, फिल्म, शिक्षा, कृषि, बागबानी तथा इको टूरिज्म के क्षेत्र को महत्व दिया है। इन नई संभावनाओं के साथ जयराम सरकार ने निवेशकों के लिए प्रदेश में निवेश के नए फाटक खोले हैं। बताते चलें कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के महायोजन को सियासी चश्मे से देखने की कवायद शुरू हो गई है। इसके चलते इस आयोजन पर खर्च पाई-पाई का हिसाब मांगा जाना तय है। अगले विधानसभा सत्र में भी इन्वेस्टर्स मीट का लेखा-जोखा पूछा जाएगा। इसके अलावा आम जनता भी इस आयोजन के औचित्य के तर्क को पड़तालने में जुट गई है।

इन्वेस्टर्स मीट की शानदार मेजबानी

राज्य सरकार ने इन्वेस्टर्स मीट की शानदार मेजबानी से नया कीर्तिमान भी हासिल किया है। खासकर अब तक हिमाचल में इस तरह का शानदार आयोजन पहली बार हुआ है। इस कारण इस आयोजन की सफलता और असफलता की चर्चा होना लाजिमी है। बावजूद इसके राज्य सरकार ने छह अलग-अलग विभागों की पालिसी तैयार कर प्रदेश में निवेश की नई संभावना पैदा की है।

एनओसी का झंझट भी खत्म

नीतियों में बदलाव के अलावा सरकार ने एनओसी का झंझट भी खत्म किया है। इसके अलावा लैंड लीज नियमों का सरलीकरण किया है। धारा-118 में बिचौलियों को रोकने के लिए इसे ऑनलाईन किया है। राज्य सरकार के ये प्रयास धरातल पर निवेश खींचने के लिए गंभीर दिखते हैं।


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