नौकरी से रिटायर्ड, पर कबूल नहीं हार

गेहड़वीं प्राइमरी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने पहुंची दो रिटायर्ड टीचर्ज,ट्रेनिंग पर निकले दो शिक्षकों की कमी नहीं होने देंगी महसूस

बिलासपुर –सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने के साथ ही विद्यार्थी संख्या बढ़ाने के लिए शिक्षा खंड घुमारवीं के तहत प्राथमिक पाठशाला गेहड़वीं में कार्यरत जेबीटी टीचर मीना शर्मा कृतसंकल्प हैं। खास बात यह है कि स्कूल में कार्यरत तीन में से दो टीचर के ट्रेनिंग पर चले जाने के कारण बच्चों की पढ़ाई को प्रभावित होने से बचाने के लिए दो सेवानिवृत्त अध्यापिकाओं नेशनल अवार्डी कला चंदेल के अलावा कमलेश शर्मा की मदद ली। टीचर ट्रेनिंग के दौरान दो सेवानिवृत्त अध्यापिकाओं ने बच्चों को सिलेबस पढ़ाए। जेबीटी टीचर मीना शर्मा ने जब इस स्कूल में पदभार संभाला तो उस दौरान विद्यार्थियों की संख्या 82 थी, लेकिन आज यह आंकड़ा बढ़कर 116 तक पहुंच गया है। इसके लिए मीना शर्मा ने जीतोड़ मेहनत की जिसकी बदौलत स्कूल में बच्चों का संख्याबल बढ़ाया जा सका। जब मीना शर्मा से इस संदर्भ में बात की गई तो उन्होंने बताया कि निष्ठा के तहत दो अध्यापकों के टीचर टे्रनिंग पर जाने वाले पर दो रिटायर अध्यापिकाओं की सेवाएं ली गई। उनका कहना है कि सरकारी शिक्षा में गुणवत्ता लाने  के लिए सामाजिक सहभागिता जरूरी है। यदि बाकी स्कूलों में भी जरूरत पड़ने पर इस तरह से सेवानिवृत्त अध्यापकों की सेवाएं ली जाएं तो निश्चित रूप से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। मीना शर्मा का मानना है कि सरकारी शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए सामाजिक सहभागिता बेहद जरूरी है।

सोशल मीडिया के जरिए सरकारी शिक्षा बचाने का काम

मीना शर्मा ने बताया कि वह समाजसेवा क्षेत्र की अग्रणी संस्था नवोदय क्रांति से भी जुड़ी हैं। यह संस्था सरकारी स्कूलों में शिक्षाका स्तर ऊंचा उठाने व विद्यार्थी संख्या बल बढ़ाने की दिशा मंे कार्यरत है, जिसका उद्देश्य सरकारी शिक्षा को बचाना है। हिमाचल मंे भी सोशल मीडिया के जरिए प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया गया है, जिसमंे पेरेंट्स और टीचर जोड़े गए हैं और सरकारी स्कूलों मंे गुणात्मक शिक्षा के बारे में नई नई जानकारियां शेयर की जा रही हैं।