पंजाब में 2923 किसानों पर कार्रवाई

कैप्टन सरकार का शिकंजा, पराली जलाने के विरुद्ध शुरू की गई मुहिम के तहत लिया एक्शन

चंडीगढ़ –पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंदर सरकार की ओर से पराली जलाने के विरुद्ध शुरू की गई मुहिम के तहत पहली नवंबर तक सामने आए 20729 मामलों में अब तक 2923 किसानों के विरुद्ध कार्रवाई की जा चुकी है। ज्ञातव्य है कि पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष ऐसे मामलों में दस से बीस प्रतिशत तक की कमी आने की संभावना है। पिछले वर्ष पराली जलाने के 49 हजार मामले सामने आए थे, जबकि इस वर्ष राज्य सरकार को अब तक प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक 20729 मामले सामने आए हैं और 70 प्रतिशत धान की फसल काटी जा चुकी है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंदर सिंह ने कहा कि उच्च न्यायालय की तरफ से किसानों को पिछले वर्ष किए जुर्मानों की वसूली करने पर लगाई रोक के बावजूद राज्य सरकार ने पराली को आग लगाने के ़खतरनाक रुझान के विरुद्ध जोरदार मुहिम चलाई हुई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण से पैदा हुई अति गंभीर स्थिति के बारे में उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है, जिस पर वह विचार करके सकारात्मक प्रतिक्रिया देंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस समस्या से भली भांति परिचित है और पराली जलाने की घटनाएं रोकने के लिए वचनबद्धता के साथ काम कर रही है। इस मुहिम के तहत गठित की गई टीमों ने पहली नवंबर तक पराली को आग लगाने के 11286 घटनास्थलों का दौरा किया और 1585 मामलों में वातावरण को प्रदूषित करने के मुआवज़े के तौर पर 41.62 लाख रुपए का जुर्माना किसानों पर लगाया है तथा 1136 मामलों में खसरा गिरदावरी में रैड एंट्री की और कानून का उल्लंघन करने वाले 202 मामलों में एफआईआर/कानूनी कार्यवाही अमल में लाई गई। उन्होंने कहा कि पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने बिना सुपर एसएमएस के चलने वाली 31 कम्बाईनों को वातावरण प्रदूषित करने के मुआवजे के तौर पर 62 लाख रुपए जुर्माना किया है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि धान का क्षेत्रफल बढ़ने के कारण हाल ही के वर्षों में यह स्थिति भयानक हुई है और बीते दो वर्षों में पंजाब में धान की रिकार्ड पैदावार हुई है। हालांकि राज्य के लोग परंपरागत तौर पर चावल नहीं खाते। उन्होंने बताया कि पंजाब में भी कुछ शहर स्माग की चपेट में हैं।