पूरे होते दिख रहे आयुर्वेद संस्थान पपरोला के सपने

बैजनाथ – प्रदेश का एकमात्र आयुर्वेद संस्थान पपरोला तीन दशकों से जिस उच्च स्तर के संस्थान की राहें ताक रहा था, अब उसके सपने साकार होने की उम्मीद जगने लगी है। पपरोला के राजीव गांधी आयुर्वेद संस्थान को एम्स के स्तर पर विकसित करने के प्रयास जारी कर दिए गए हैं। बैजनाथ के विधायक मुल्खराज प्रेमी, मंडलाध्यक्ष भीखम राम कपूर ने बताया कि शिमला में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को प्रेषित किया है, जिसमें पपरोला के इस आयुर्वेद संस्थान को एम्स स्तर का दर्जा प्रदान करने बारे कहा गया है, जिसके लिए वह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार के आभारी हैं। गौर हो कि वैद्य हकीम परिषद हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष स्व. जगन्नाथ आयुर्वेदाचार्य एवं परिषद के सदस्यों द्वारा पपरोला में हिम आयुर्वेद महाविद्यालय ने वर्ष 1972 में राजीव गांधी स्नातकोत्तर आयुर्वेदिक महाविद्यालय के नाम से ख्याति प्राप्त की। वर्ष 1978 में हिमाचल सरकार द्वारा महाविद्यालय का अधिग्रहण किया गया था। उसके बाद यह संस्थान बुलंदियां छूता गया। आज भी भारतवर्ष के 15 से 16 राज्यों के छात्र शिक्षा ग्रहण कर देश के विभिन्न आयुर्वेदिक संस्थानों में सेवाएं दे रहे हैं। यही नहीं, इस महाविद्यालय में 11 विषय पर एमडी भी करवाई जा रही है, जिसमें हर वर्ष 117 डाक्टर पीजी करके निकलते हैं। साथ में 220 बिस्तरों का सभी सुविधाओं से सुसज्जित अस्पताल भी उपलब्ध है। तीन अक्तूबर, 2001 को जब केंद्र में एनडीए की सरकार थी, उस समय मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार की मौजूदगी में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री सीपी ठाकुर ने संस्थान की सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन आयुर्वेदा की घोषणा की थी। वर्ष 2009 में पुनः ऊना आयोजित एक कार्यक्रम में उस समय के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने इस स्थान को विश्वविद्यालय बनाए जाने की घोषणा की थी। तब से लोग इसे सुविधाएं मिलने की आस लगाए बैठे हैं।

सभी सांसदों को करने होंगे प्रयास

भारत सरकार आयुर्वेद विभाग के पूर्व सलाहकार डा. सुरेंद्र शर्मा का कहना है कि प्रदेश सरकार के यह प्रयास अति सराहनीय है, लेकिन खाली प्रस्ताव पारित करने से कुछ नहीं होगा। इस आयुर्वेद संस्थान को एम्स का दर्जा दिलाने के लिए हिमाचल प्रदेश के सभी सांसदों को भी प्रयास करने होंगे। उनका कहना है कि पपरोला के इस आयुर्वेदिक संस्थान में एम्स  स्तरीय संस्थान बनाने के लिए सभी सुविधाएं  उपलब्ध हैं। जरूरत है तो मात्र केंद्र सरकार से इसे मंजूर करवाने की, जिसके लिए प्रधानमंत्री व केंद्र सरकार के आयुष विभाग के मंत्री के समक्ष इस संस्थान को उच्च स्तरीय दर्जा प्रदान करने के प्रयास करने होंगे।