पैरीफेरल आर्टरी रोग पर किए जागरूक

By: Nov 5th, 2019 12:02 am

पारस अस्पताल पंचकूला के डाक्टरों ने मीडिया के साथ किया मंथन

चंडीगढ़ – पैरीफैरल आर्टरी तथा शुगर के कारण पैर खराब होने की बीमारी के बारे जागरूकता पैदा करने के लिए पारस सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल पंचकूला के डाक्टरों की टीम ने मीडिया के साथ बातचीत की। अस्पताल के कार्डियक साइंस के चेयरमैन डा. एचके बाली जिनका दिल की बीमारियों के इलाज में 30 वर्ष का अनुभव है तथा 15000 से अधिक कार्डियक इंटरवैशन कर चुके हैं, ने कहा कि पैरीफैरल वेस्कूलर बीमारी रक्त की नाडि़यों से संबंधित बीमारी है। यह दुनिया भर में 15 से 20 प्रतिशत लोगों को है। डा. बाली ने बताया कि इस बीमारी में पैरों-हाथों को रक्त की सप्लाई करने वाली नाडि़यां सिकुड़ जाती हैं तथा रक्त की सप्लाई घट जाती है या बिलकुल बंद हो जाती है। यह बीमारी आम तौर पर टांगों पर असर डालती है तथा कई बार बाजुओं पर भी असर होता है। कई लोग प्राथमिक लक्षण के समय इस तरफ ज्यादा ध्यान नहीं देते। हाथ-पैर में दर्द या सुनेपन को वह कई बार उम्र का तकाजा कहकर नजरअंदाज कर देते हैं। इन लक्षणों को नजरअंदाज करने से गैंगरीन हो सकती है तथा जिस कारण शरीर का अंग कटवाना पड़ता है। डा. एचके बाली ने यह भी बताया कि पैरीफैरल वेस्कूलर बीमारी पहले टांगों के बाहर असर डालती हैं। इससे चलने के समय तकलीफ  होती है तथा कई बार लेटने के समय भी दर्द रहता है तथा फिर अलसर (फोड़ा) बन जाता है] आखिर में गैंगरीन हो जाती है। पैरीफैरल वेस्कूलर बीमारी अपने आप में कोई बीमारी नहीं] बल्कि यह दिल की बीमारियों कैरीब्रोवेस्कूलर के लिए संकेतक है, जिस कारण मौत भी हो सकती है। इस बीमारी की आधे मरीजों में दिल की बीमारियों वाले लक्षण ही होते हैं। इसका कारण धूम्रपान, बल्ड प्रेशर, हाईपर कलोस्ट्रेल तथा पारिवारिक हिस्ट्री हो सकता है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App