प्रदेश के दस उद्योगो में बनीं 13 दवाएं खराब

By: Nov 14th, 2019 12:03 am

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की जांच में पाई गईं सब-स्टैंडर्ड

बीबीएन – केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में हिमाचल के 10 दवा उद्योगों में निर्मित 13 तरह की दवाएं सब-स्टैंडर्ड पाई गई हैं। इसके अलावा फ्रांस में निर्मित दवा सहित देश के अन्य राज्यों के दवा उद्योगों में निर्मित 22 तरह की दवाएं भी गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतर सकी हैं। सब-स्टैंडर्ड पाई गई दवाआें में एंटी एलर्जिक, हाई बीपी, एंटी बायोटिक, कैल्श्यिम, पेनकिलर, एसिडीटी, डायबिटीज, वैक्टीरियल इन्फेक्शन के उपचार के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाएं शामिल हैं। ड्रग अलर्ट के बाद हरकत में आते हुए राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने सबंधित दवा उद्योगों को नोटिस जारी कर बाजार से फेल हुए दवा उत्पादों का पूरा बैच उठाने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा प्राधिकरण उन दवा उद्योगों की गहनता से जांच करेगा, जिनमें निर्मित दवाएं गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतर रही हैं। जानकारी के  मुताबिक सीडीएससीओ दवारा जारी अक्तूबर माह के ड्रग अलर्ट में देश भर के उद्योगों में निर्मित 35 दवाएं जांच के दौरान सब-स्टैंर्ड्ड पाई गई हैं। इस लिस्ट में हिमाचल के 10 उद्योग भी शामिल है। यह उद्योग संसारपुर टैरेस, बद्दी , झाड़माजरी, पांवटा साहिब, बाथू (ऊना), कालाअंब और नालागढ़  में स्थापित है। हिमाचल के उद्योगों में निर्मित जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें हाई बीपी, एंटीबायोटिक, डायबिटीज, दर्द के उपचार की दवाओं सहित फंगल इन्फेकशन क्रीम शामिल है। बाकी दवाएं ओडिशा, महाराष्ट्र, सिक्किम, गोवा, बिहार,  अमृतसर, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश व उत्तर प्रदेश के उद्योगों में निर्मित हुई हैं। सीडीएससीओ के र्निदेश के बाद राज्य दवा नियंत्रक ने कंपनियों को नोटिस जारी करते हुए उन्हें बाजार से फेल हुए दवा उत्पादों का पूरा बैच हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं। दवाइयों के ये सैंपल सीडीएससीओ मुंबई, इंदौर, दिल्ली, बद्दी, जम्मू, चेन्नई, गाजियाबाद, कोलकाता, हैदराबाद, अरुणाचल प्रदेश व नागालैंड से लिए थे।


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