बच्ची से छेड़छाड़ पर पांच साल की जेल

By: Nov 17th, 2019 12:20 am

जिला एवं सत्र विशेष न्यायाधीश राकेश चौधरी ने पोक्सो एक्ट 2012 के मुकदमे में सुनाया फैसला

बिलासपुर- जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश राकेश चौधरी ने पोक्सो एक्ट 2012 के मुकदमे में अहम फैसला देते हुए दोषी को कठोर कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है। दोषी को धारा 10 पोक्सो एक्ट में पांच साल का कठोर कारावास व पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई व जुर्माना न देने की सूरत में अतिरिक्त छह महीने के कारावास की सजा सुनाई। जिला न्याय वादी एवं विशेष लोक अभियोजक विनोद भारद्वाज ने बताया कि 12 अगस्त, 2018 को कल्पनिक नाम श्याम लाल की शिकायत पर थाना कोट कहलूर में मुकदमा दर्ज कराया गया, जिसके तथ्य इस प्रकार है कि वादी के दो बच्चे हैं तथा छोटी बच्ची, जिसकी उम्र 10 वर्ष की थी, जिसकी आंख पर गिल्टी/चैरहिया हुआ था, जिसे इलाज के लिए देशी हकीम गुरु का लाहौर डाकघर बस्सी जो अपने मंदिर में इस तरह की बीमारियों का इलाज करता है, के पास अपने रिश्तेदार के साथ भेजा। इस पर बच्चा व उसका रिश्तेदार दोषी के घर/मंदिर पहुंचे, जो दोषी ने बच्चे को देखने के बाद बताया कि यह बीमारी झाड़ते समय किसी और को भी लग सकती है तथा उसके रिश्तेदार को बणा की झाडि़यां लाने तथा मंदिर से बाहर बैठने के लिए कहा। इस पर उसका रिश्तेदार बणा की टहनियां लेकर मंदिर आया तथा दोषी के हवाले टहनियां की। दोषी ने उसके बाद उस रिश्तेदार को मंदिर के बाहर बैठा दिया तथा चैरहिया झाड़ने के बाद दोषी ने बच्चे को पेशाब वाली जगह पर हाथ लगाया और वह उसके मुंह पर पप्पी ली। उसके उपरांत बच्ची अपने रिश्तेदार के साथ घर आ गई। जो जाते ही डरी सहमी होते हुए अपनी माता की गोद में बैठ गई तथा सारी आपबीती अपनी माता तथा रिश्तेदारों को बताई, जिस पर लोगों ने दोषी को उसके कृत्य के बारे में पूछा और उसने मना कर दिया उसके उपरांत थाना में मुकदमा दर्ज करवाया गया तथा साक्ष्य इकट्ठा करने के बाद इस मुकदमे का चालान माननीय विशेष न्यायालय में पेश किया गया। इसमें 12 नवंबर, 2018 को दोषी के खिलाफ  अदालत ने चार्ज लगाया। इसके उपरांत जिला न्यायवादी विनोद भारद्वाज ने 20 गवाह अपने मुकदमे में पेश किए तथा बचाव पक्ष ने अपने बचाव के लिए दो गवाह पेश किए। जिला न्यायवादी के तर्कों को सही मानते हुए व बचाव पक्ष की दलीलों को नकारते हुए विशेष न्यायाधीश ने अभियुक्त को दोषी करार देते हुए धारा 10 पोक्सो एक्ट में पांच साल का कठोर कारावास व पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई व जुर्माना न देने की सूरत में अतिरिक्त छह महीने कारावास की सजा सुनाई। दोषी न्यायिक हिरासत में थ,ा जितना समय उसका न्यायिक हिरासत में पूर्ण हुआ है, वह समय पांच साल की सजा से कम हो जाएगा।


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