बाजारों में ऐसा भी होता है…

By: Nov 18th, 2019 12:03 am

लेखक : करुणेश देव

पिछले सप्ताह हमने शेयर बाजारों से संबंधित कुछ रोचक तथ्यों के विषय में जाना था, उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए कुछ अन्य बातों को समझते हैं… 

.1 शेयर बाजार : शेयर बाजार एक ऐसी व्यवस्था है, जहां दो प्रकार के लोगों द्वारा शेयर बाजारों में इक्विटी शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, जो लोग छोटे मूल्य परिवर्तन से लाभ उठाने का प्रयत्न करते हैं, उन्हें व्यापारी कहा जाता है। दूसरी श्रेणी उन लोगों की है, जो पूंजीगत मुनाफे की तलाश में लंबी अवधि के लिए शेयर खरीदते हैं और अपने पास रखते हैं। ये दीर्घकालिक निवेशक हैं।                  

.2 इंडेक्स या सूचकांकः शेयर बाजार सूचकांक एक सांख्यिकीय माप है, जो कि शेयर बाजार में होने वाले परिवर्तनों एवं उतार-चढ़ाव को दर्शाता है। एक इंडेक्स को बनाने के लिए कुछ मिलते-जुलते शेयरों को उसी एक्सचेंज में पहले से सूचीबद्ध प्रतिभूतियों में से चुना जाता है और एक साथ समूहीकृत किया जाता है। इन स्टॉकस के चयन के मानदंड उनका बाजार पूंजीकरण, विशेष उद्योग, कंपनी के आकार या प्रकार हो सकते हैं। किसी इंडेक्स का मूल्यांकन अंतर्निहित स्टॉक के मूल्यों का उपयोग करके किया जाता है। अंतर्निहित स्टॉक की कीमत में होने वाला कोई भी परिवर्तन उस सूचकांक के मूल्य को भी प्रभावित करता है। यदि उस सूचकांक के अधिकांश अंतर्निहित प्रतिभूतियों की कीमतें बढ़ती हैं, तो सूचकांक में वृद्धि होगी और यदि अधिकतर अंतर्निहित प्रतिभूतियों की कीमत घटती है, तो सूचकांक भी नीचे जाता है।

उदाहरण के लिए भारत में बीएसई सेंसेक्स एवं एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स

.3  बीएसई सेंसेक्स ः सेंसेक्स बांबे स्टॉक एक्सचेंज का एक इंडेक्स या बेंचमार्क है। इसका उपयोग भारतीय शेयर बाजारों के प्रदर्शन को मापने के लिए किया जाता है। यह 30 शेयरों का संवेदी सूचकांक है, जो विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियों के एक विविध समूह से चुना जाता है। इन शेयरों में सक्रिय रूप से कारोबार किया जाता है और कुछ हद तक ये भारतीय बाजारों और अर्थव्यवस्था का एक संकेत हैं। इन कंपनियों का चयन बाजार पूंजीकरण, औसत दैनिक कारोबार, उद्योग प्रतिनिधित्व आदि के आधार पर किया जाता है।

.4 एनएसई निफ्टी 50 ः यह मुंबई में स्थित भारतीय स्टॉक एक्सचेंज के दूसरे प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क इंडेक्स है। इस सूचकांक में शीर्ष 50 भारतीय कंपनियां शामिल हैं और यह बाजार की धारणा और शेयर बाजारों का एक बहुत अच्छा संकेतक है। एनएसई में 1600 से अधिक कंपनियां सूचीबद्ध हैं।

.5  बुल्स-बेअर्स मार्केट : जब लंबी अवधि के लिए शेयरों की कीमतें लगातार बढ़ती रहती हैं, तो उस मार्केट स्थिति को बुल मार्केट कहा जाता है। ऐसे लोग, जो बाजारों में तेज़ी की उम्मीद करते हैं, उन्हें बुल्स कहा जाता है। दूसरी ओर जब शेयरों की कीमतें लगातार गिर रही होती हैं, तब उस स्थिति को बेयर मार्केट कहा जाता है। यह बाजार में गिरावट का संकेत हो सकता है। वे लोग जो बाजारों में मंदी की उम्मीद करते हैं, बेअर्स कहलाते हैं। 

.6 ब्लूचिप स्टॉक : यह उन कंपनियों के शेयर होते हैं, जो आमतौर पर कई वर्षों के सफल संचालन, मजबूत वित्तीय प्रदर्शन तथा बाजार पूंजीकरण के साथ अपनी एक मजबूत छवि स्थापित कर चुके हैं। ऐसी कंपनियां अमूनन हर वर्ष लाभांश का भुगतान करती हैं और आम तौर पर काफी प्रसिद्ध होती हैं। ब्लू चिप शेयरों को आम तौर पर श्सुरक्षित निवेशश् के रूप में देखा जाता है, हालांकि यह समझना आवश्यक है कि शेयरों में निवेश रिटर्न की गारंटी नहीं देता है।

.7 डिविडेंड अथवा लाभांश : लाभांश किसी कंपनी द्वारा अपने शेयरधारकों को कुल लाभ में से वितरित किए जाने वाला हिस्सा है। कुछ लोगों के लिए शेयरों में निवेश करने का प्राथमिक उद्देश्य कंपनी द्वारा घोषित लाभांश के माध्यम से अर्जित आय ही होता है। कंपनी के निदेशक मंडल द्वारा यह निर्णय लिया जाता है कि कब और कितना लाभांश घोषित किया जाना है अथवा नहीं। सभी कंपनियां लाभांश का भुगतान नहीं करती हैं।

.8 मौलिक विश्लेषण: किसी भी कंपनी के शेयर में निवेश करने से पहले उसके विषय में जानकारी प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक है, यदि आप उसमें लंबे समय तक निवेशित रह कर उसके विकास और मुनाफे का हिस्सा बनना चाहते हैं। मौलिक विश्लेषण स्टॉक विश्लेषण का रूप है, जो विभिन्न कारकों के आधार पर एक कंपनी के मूल्य का आकलन करता है। ऐसे गुणात्मक विश्लेषण के लिए निवेशकों को कंपनी की बैलेंस शीट, नकदी प्रवाह, परिचालन, प्रबंधन ट्रैक रिकार्ड, उद्योग विश्लेषण, ब्रांड वैल्यू, भविष्य की सृजनात्मक क्षमताओं को ध्यानपूर्वक समझना चाहिए। इसके साथ ही प्रतियोगियों की उपलब्धता और प्रभावशीलता को भी समझना आवश्यक है। और अंत में : निवेश करिए किंतु सोच समझकर एवं जागरूक रहकर। अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने एवं संवारने के लिए आरंभ करने में कभी देर नहीं होती है।

नोट : यहां दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्य से दी गई है। किसी भी निवेश से पहले उसकी पूरी जानकारी अवश्य लें।

संपर्कः karuneshdev@rediffmail.com


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