बिझड़ी बाजार में सार्वजनिक शौचालय नहीं

By: Nov 13th, 2019 12:20 am

बिझड़ी महिला सशक्तिकरण व महिला अधिकारों को लेकर सरकार व प्रशासन द्वारा लाख दावे किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिलकुल विपरीत है। विकास खंड मुख्यालय बिझड़ी में शौचालयों की कमी के कारण एक तरफ जहां स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ रही हैं, वहीं दूसरी तरफ  आम लोगों के साथ महिलाओं को भी इसका खामियाजा उठाना पड़ रहा है। बताते चलें की बिझड़ी बाजार में रोज सैकड़ों कामकाजी महिलाओं व पुरुषों का आना-जाना लगा रहता है। बिझड़ी में तहसील कार्यालय, विकास खंड मुख्यालय, सीडीपीओ कार्यालय, बीपीओ आफिस, अस्पताल के अलावा कई शिक्षण संस्थान  होने के कारण लोग कामकाज के सिलसिले में यहां पहुंचते हैं, लेकिन सुविधाएं तो छोडि़ए  प्रशासन अभी तक यहां शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा भी उपलब्ध नहीं करवा पाया है। हालत इतने बदतर हंै कि लगभग एक किलोमीटर लंबे बाजार में शौचालयों के नाम पर कुआं चौक में एक ढांचा खड़ा दिखाई देता है। इन शौचालयों की हालत इतनी खराब है कि यहां से गुजरते समय मुंह पर रुमाल रखना पड़ता है। सबसे बड़ी समस्या आधी आबादी कही जाने वाली महिलाओं को पेश आती है, जिनके लिए किसी भी तरह का कामचलाऊ प्रबंध भी प्रशासन नहीं कर पाया है। महिलाओं में सठवीं पंचायत प्रधान पूनम कपिलेश, धंगोटा प्रधान रजनी बाला, समताना प्रधान अंजु, रीना देवी, मोनिका, कुशल कुमारी, राजकुमारी, सुमन लता व  स्नेह लता आदि का कहना है कि एक तरफ सरकार महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की बातें करती है, लेकिन दूसरी तरफ  महिलाओं को मिलने वाली सुविधाओं की बात करे, तो उनकी तरफ  िकसी का ध्यान नहीं है।  कम से कम प्रशासन को शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा दिलवाने के लिए गंभीर प्रयास करने चाहिए। अगर शीघ्र ही कोई कदम नहीं उठाया गया, तो महिलाएं विरोध-प्रदर्शन करेंगी।

 

 


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