बिना सरदार के गगरेट ब्लॉक कांग्रेस

गगरेट एक के बाद एक मिल रही करारी शिकस्त के बाद संगठन में प्राण फूंकने के लिए संगठनात्मक ढांचा खड़ा करना कांग्रेस के लिए आसमान से तारे तोड़ लाने जैसा प्रतीत होने लगा है। लोकसभा चुनावों में मिली शर्मनाक हार के बाद हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश की सभी ब्लॉक कार्यकारिणियां भंग कर दी थीं, लेकिन इसके बाद अधिकांश ब्लॉक कार्यकारिणी के अध्यक्ष तैनात कर दिए गए हैं, लेकिन ब्लॉक कांग्रेस गगरेट का सरदार ढूंढ निकालना कांग्रेस हाईकमान के लिए भी गले की फांस बन गया है। आलम यह है कि न तो अभी तक ब्लॉक कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त हो पाया है और न ही कार्यकारिणी का विस्तार हो पाया है। ऐसे में किस फौज के सहारे कांग्रेस सत्तारूढ़ भाजपा से लड़ाई लड़ेगी, यह अभी तक रहस्य ही बना हुआ है। कभी कांग्रेस का अभेद दुर्ग कहे जाने वाले विधानसभा क्षेत्र गगरेट में कांग्रेस को पिछले विधानसभा चुनाव में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। उस समय कांग्रेस को यहां से 9320 मतों से शिकस्त मिली थी। इस हार के लिए भी ब्लॉक कांग्रेस की कमजोर रणनीति को एक कारण माना गया था। हार का यह सिलसिला यहीं नहीं थमा बल्कि लोकसभा चुनावों में गगरेट कांग्रेस को अब तक की सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा और हार का यह मार्जिन 9320 मतों को पार करके बाइस हजार से भी अधिक मतों पर पहुंच गया। उस समय प्रदेश में हर जगह कांग्रेस को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था इसलिए प्रदेश कांग्रेस ने सभी ब्लॉक कार्यकारिणियां भंग कर दी थीं। इसके बाद प्रत्येक ब्लॉक में आब्जर्वर तैनात किए गए और इसके बाद अधिकांश ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्षों की नियुक्ति भी कर दी गई, लेकिन ब्लॉक कांग्रेस गगरेट को एक अदद अध्यक्ष नसीब नहीं हो पाया। जाहिर है कि जब ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति ही नहीं हुई है तो ब्लॉक कार्यकारिणी का गठन भी कैसे होगा। इस स्थिति में कांग्रेस लगातार धरातल स्तर पर कमजोर होती दिख रही है चाहिए तो यह था कि जिन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। वहां पर सबसे पहले ब्लॉक कांग्रेस कार्यकारिणी का गठन होता, ताकि कांग्रेस धरातल स्तर पर मजबूत विपक्ष की भूमिका अदा कर पाती लेकिन शायद अपनी पिछली गलतियों से कांग्रेस अभी भी सबक लेना नहीं चाहती। यही वजह होगी कि ब्लॉक कांग्रेस गगरेट को अभी तक नया अध्यक्ष नहीं मिल पाया है। उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश में अन्य कार्यक्रम चले हुए हैं। इन कार्यक्रमों के बाद ही जिन ब्लॉकों में अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई है वहां पर नए अध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे।