बुजुर्ग को जिंदा जलाना चाहते थे आरोपी

By: Nov 14th, 2019 12:30 am

पीडि़ता के परिजनों ने पुलिस को दिए चौंकाने वाले कई बयान, कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश की महिला

सरकाघाट – सरकाघाट के  समाहल गांव में क्रूरता की हदें पार करने वाली घटना के मामले में पीडि़ता 81 वर्षीय वृद्ध महिला ने बुधवार को माननीय न्यायालय के समक्ष आपबीती सुनाई है। इस मामले की संवेदनशीलता देखते हुए पुलिस ने वृद्ध महिला राजदेई को कड़ी सुरक्षा के बीच बुधवार को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सरकाघाट की अदालत में पेश किया। वृद्ध महिला दोनों बेटियों व दोनों दामाद के संग साथ कोर्ट पहुंची। बुधवार को पुलिस ने कोर्ट में सीआरपीसी-164 के तहत बयान दर्ज करवाने की प्रकिया पूरा करवाई। इस मामले में बुधवार को जांच अधिकारी ने बड़ी बेटी व दामाद के बयान भी दर्ज किए, जिसके बाद पुलिस की जांच अब और आगे बढ़ गई है। इस मामले में अभी और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। समाहल गांव के ही जय गोपाल ने भी देवता समिति व कुछ लोगों पर उसके साथ भी वैसा ही व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं। जयगोपाल की शिकायत पर भी पुलिस ने मामला दर्ज किया हुआ है, जिसमें नामजद लोगों में कुछ लोग पहले ही सलाखों के पीछे हैं, जबकि कुछ और लोगों की गिरफ्तारी की भी संभावना बताई जा रही है। इस मामले में पुलिस के एक अलग अधिकारी जांच कर रहे हैं। वहीं, डीएसपी मंडी चंद्रपाल ने बताया कि बुधवार को महिला के बयान न्यायाधीश के सामने दर्ज करवाए गए हैं। पीडि़ता के दामाद व बेटी के भी बयान लिए गए हैं। मामले में पुलिस की जांच जारी है।

वायरल वीडियो की जांच में जुटे एक्सपर्ट

वायरल हुए वीडियो की भी जांच हो रही है। पुलिस अपने एक्सपर्ट के माध्यम से वीडियो जांचने-परखने में लगी हुई है। वीडियो को लैब में भी जांच के लिए भेजा जाना है।

आरोपः वायरल वीडियो में सुनाई दी श्मशानघाट में पानी पिलाने की बात

बुधवार को पुलिस ने पीडि़त वृद्धा की बेटी और दामाद के भी बयान दर्ज किए हैं। परिजनों ने आरोप लगाया है कि राजदेई को जलाने की भी तैयारी की गई थी। परिजनों का आरोप है कि वायरल वीडियो में लोग माचिस लाकर जलाने तथा पानी श्मशानघाट में ही पिलाने की बात बोलते हुए सुने जा सकते हैं, जिससे लगता है कि उनकी नीयत पीडि़ता को जान से खत्म करने की थी। यदि घटना के समय वहां एचआरटीसी की बस न आती, तो पीडि़ता की जान जा सकती थी। परिजनों की मांग है कि इस मामले में हत्या का प्रयास करने की भी धारा जोड़ी जाए।

सरकाघाट अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में बयान दर्ज करवाने बेटी के साथ पहुंची पीडि़ता राजदेई

आज प्रशासन से मिलने आ सकते हैं ग्रामीण

मंगलवार को समाहल व दो अन्य गांवों के लोगों की एक विशेष बैठक भी मंदिर में आयोजित की गई, जिसमें अब तक के सारे घटनाक्रम पर चर्चा के साथ ही हालात पर चर्चा की गई। बताया जा रहा है कि इन गांवों के लोग प्रशासन से मिलने सरकाघाट आ सकते हैं।

मशाल संस्था ने निकाला मौन जुलूस

बुधवार को सरकाघाट में मशाल संस्था ने मौन जुलूस भी निकाला और मामले की कड़ी निंदा की। बता दें कि छह नवंबर को समाहल गांव में देवता के नाम पर वृद्ध महिला राजदेई के साथ क्रूरता भरा अमानवीय व्यवहार किया गया था, जिसके बाद वायरल हुए वीडियो ने हड़कंप मचा दिया था। मामले में पुलिस अब तक 24 लोगों को सलाखों के पीछे डाल चुकी है, जबकि अभी और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। 

एक घटना ने शर्मसार किया पूरा देव समाज

देवता की आड़ में हुए महिला उत्पीड़न मामले में सुकेत सर्व देवता कमेटी जल्द ही पूरे देव समाज को एकत्रित कर बैठक करने जा रही है। सुकेत सर्व देवता कमेटी के अध्यक्ष अभिषेक सोनी ने बताया कि सरकाघाट में हुई घटना ने पूरे देव समाज को कलंकित कर दिया है। देवता के पुजारी और देवलुओं द्वारा अंजाम दी गई घटना से लोगों का देवी-देवताओं से विश्वास उठ जाएगा। 

हमारे पास सबूत है हमारे बेटे निर्दोष हैं

सरकाघाट  – गाहर पंचायत में बुजुर्ग महिला के साथ हुई बर्बरता के मामले में आरोपियों के परिजनों ने कई प्रमाण देकर यह साबित करने की बात कही है कि घटना के दिन आरोपी बनाए गए तीन आरोपी तो घटनास्थल पर मौजूद ही नहीं थे। उन्होंने इस बात को साबित करने के लिए सीबीआई जांच करने की भी गुहार लगाई है। आरोपी मनोज कुमार के पिता कैप्टन हेम सिंह ने बताया कि घटना के दिन छह नवंबर को उनका बेटा मनोज अपने घर में था। वह सात को बड़ा समाहल गांव में अपने रिश्तेदार दिवंगत गूर के घर गया था। नौ नवंबर को जब वह घर आने लगा, तो वह लेट हो गया और वापस दिवंगत गूर के घर चले गए। जब रात को पुलिस आई, तो वहां उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया, यह वह साबित कर सकते हैं। वहीं, आरोपी अनिल कुमार के पिता कश्मीर सिंह ने कहा कि उनका बेटा भी घटना के दिन कुल्लू में था, जहां वह अपनी दुकान करता है। एक अन्य पिता बुद्घि सिंह ने कहा कि उनका बेटा राजेंद्र भी घटना के दिन सरकाघाट में किसी काम के लिए आया हुआ था। उनके बेटों को गलतफहमी में ही आरोपी बनाया गया है। इसके चलते उनके घरों में इतने दिनों से चूल्हा तक नहीं जल पाया। परिवारों में मायूसी छाई हुई है कि उनके बेटों को बिना दोष के ही सजा भुगतनी पड़ रही है। उन्होंने सरकार, पुलिस और प्रशासन से इस न्याय की गुहार लगाई है।


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