भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के लिए जोड़तोड़

By: Nov 26th, 2019 12:02 am

अपने-अपने खेमे और पसंद को तरजीह देने पर जोर, बैलेंस भी बना चुनौती

धर्मशाला-भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के लिए इन दिनों पार्टी के भीतर जोड़तोड़ शुरू हो गया है। प्रदेश भर के करीब आधा दर्जन से अधिक जिलों के अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। इसी महीने जिला अध्यक्षों का चुनाव होना है और अगले माह प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, संघ, हिमाचल के केंद्रीय नेताओं सहित पार्टी व संगठन के उच्च पदों पर बैठे नेता अपनी-अपनी पसंद को तरजीह दे रहे हैं, जबकि क्षेत्रीय व जातीय संतुलन बिठाना भी सत्ताधारी दल के समक्ष बड़ी चुनौती है। सतपाल सत्ती का कार्यकाल दिसंबर में पूरा होने वाला है। पार्टी आगे के लिए भी निर्विवादित अध्यक्ष चुनना चाहती है, लेकिन भाजपा के समक्ष यह भी चुनौती है कि अध्यक्ष ऐसा चुना जाए, जिसमें सबको साथ लेकर चलने की कुबत हो। जिस तरह हिमाचल में भाजपा का परिवार बढ़ा है, वेसे ही टकराव भी बढ़ा है, ऐसे हालत में इसे संभालना आसान नहीं है। ऐसे में पार्टी हाईकमान लगातार इन सभी बिंदुओं पर मंथन कर रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए अभी तक मुख्यमंत्री खेमा फिलहाल चुप्पी साधे हुए है। भाजपा में अध्यक्ष के चुनाव में संगठन के साथ-साथ मुख्यमंत्री के पास भी ग्रेस मार्क्स रहते हैं, लेकिन इसके साथ साथ हिमाचल में बड़े एवं प्रभावशाली नेता भी हैं, जिनकी पसंद को भी ध्यान में रखना होगा। मुख्यमंत्री लंबी पारी खेलना चाहते हैं, जिसके चलते वह किसी को नाराज नहीं करना चाहते।

सबकी पसंद देखेंगे, सहमति भी जरूरी

हिमाचल भाजपा को अपने वरिष्ठ नेताओं, जिनमें पार्टी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पसंद को भी देखना होगा, जिससे सत्ता व संगठन मिलकर काम कर सकें। ऐसे हालात में बड़ी चुनौतियों के बीच ही एक नाम छन कर बाहर आने वाला है। फिलहाल पार्टी के भीतर क्षेत्रीय एवं जातीय संतुलन को बनाना अहम बन गया है। भाजपा का ट्रेंड रहा है कि मुख्यमंत्री की सहमति से अध्यक्ष बने।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App