मंगू और नानक मठ को ढहाने की तैयारी

चंडीगढ़, मनीमाजरा – जगन्नाथ पुरी में श्री गुरु नानक देव जी से संबंधित मंगू मठ और नानक मठ को ढहाने की फिर से तैयारी शुरू हो गई है। ये मठ सोमवार को ही ढहा दिए जाने थे, लेकिन इनको बचाने में लगे सामाजिक कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते पुरी के डिप्टी कमिश्नर बलवंत सिंह ने दो दिन का समय दे दिया है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले हरिद्वार (उत्तराखंड) में गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी साहिब को ढहा दिया गया था। सितंबर में फैसला हुआ था कि जगन्नाथ पुरी (ओडिशा) मंदिर की दीवार के साथ 70 मीटर तक के क्षेत्र को खाली करवाया जाएगा। इस दायरे में आने वाली सभी इमारतों को तोड़ दिया जाएगा। तब से ही यह मामला विवाद में आ गया। अब तक 68 मीटर के क्षेत्र को खाली करवाया जा चुका है। शेष बचे हुए क्षेत्र को खाली करवाने के लिए जिला प्रशासन ने सोमवार को फिर से जेसीबी मशीनें लगा दीं। पुरी में इन दोनों मठों को बचाने में लगे सामाजिक कार्यकर्ता अनिल धीर ने बताया कि हम सभी के रोष प्रदर्शन के कारण फिलहाल तो काम रोक दिया है, लेकिन डीसी ने 21 नवंबर को हर हालत में सभी मठ ढहाने की बात कह दी है। उन्होंने बताया कि यह मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। कोर्ट ने इसे ढहाने की इजाजत अब तक नहीं दी है। फिर इस तरह की कार्रवाई समझ से परे है। उन्होंने बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे। इन मठों को बचाने में लगे सतिंदर सिंह ने बताया कि ये दोनों मठ उस समय के हैं। जब गुरु नानक साहिब अपनी उदासियों (धार्मिक यात्राओं) के दौरान पुरी में गए थे। उन्होंने वहां मंदिरों में होने वाली आरती की जगह ब्रह्मण की आरती की बात की थी। बताया जाता है कि अपनी इस यात्रा के दौरान गुरु नानक देव जी यहां तीन महीने रहे। इस दौरान उन्होंने चैतन्य प्रभु, गुरु गोपाल के साथ भी मुलाकात की।