मंदी के बीच एचडीएफसी बैंक का दावा – गुजरात में एमएसएमई क्षेत्र के ऋण में 30 प्रतिशत की सालाना बढ़ोत्तरी

मंदी के कथित माहौल के बीच निजी क्षेत्र के अग्रणी एचडीएफसी बैंक ने आज दावा किया कि गुजरात में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) को दिये जाने वाले इसके ऋण में 30 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ोत्तरी हो रही है और यह आंकड़ा अब 15000 करोड़ रूपये को भी पार कर गया है।बैंक के बिजनेस बैंकिंग विभाग के राष्ट्रीय प्रमुख सुमंत रामपाल ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि एमएसएमई क्षेत्र में दिये गये ऋण के निष्प्रयोज्य आस्ति यानी एनपीए में बदलने की दर गुजरात में मात्र 1.12 प्रतिशत है जो इस मामले में राष्ट्रीय औसत 1.3 प्रतिशत से भी कम है।यह पूछे जाने पर कि सामान्य धारणा यह है कि सरकार के नोटबंदी और जीएसटी लागू करने के निर्णयों के बाद से देश भर में मंदी की माहौल है तथा विशेष रूप से एमएसएमई क्षेत्र, जो गुजरात की अर्थव्यवस्था का रीढ़ माना जाता है, भी इससे बुरी तरह प्रभावित है, श्री रामपाल ने कहा कि उनके बैंक का अनुभव तो अलग है। जीसएटी के बाद संरचनात्मक सुधार करने वाली एमएसएमई क्षेत्र की कंपनियों को भी खासा लाभ मिला है और आने वाले समय में यह लाभ और अच्छे से दिखेगा। जिन कंपनियों ने अपने कारोबार और उत्पाद एवं सेवाओं में मूल्य वर्धन किया है, वह पहले से बेहतर स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध का लाभ भी भारत के एमएसएमई क्षेत्र को निर्यात में वृद्धि के रूप में मिला है और इसके चलते भी ऋण मांग बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि उनके बैंक ने एमएसएमई क्षेत्र के लगभग सभी प्रकार के उद्योगों को ऋण दिया है और ये सभी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। देश भर में उनके बैंक की लगभग 5300 शाखाएं हैं जिनमें से 447 गुजरात में हैं। 25 इस साल शुरू हुई हैं और 26 और दिसंबर जनवरी तक राज्य में शुरू होंगी। उनका बैंक राज्य में एमएसएमई क्षेत्र में कुल बैंक ऋण के 12 प्रतिशत हिस्से के साथ इस मामले में पहले नंबर पर है। इस क्षेत्र के कुल लेनदेन का 60 प्रतिशत डिजीटल तरीके से होता है। गुजरात में हमारे ऋण का 60 प्रतिशत हिस्सा कार्यगत पूंजी यानी वर्किंग कैपिटल के तौर पर दिया गया है।