‘मनोहर यादों’ से गेयटी हुआ गुलजार

By: Nov 16th, 2019 12:04 am

राजधानी के ऐतिहासिक थियेटर में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किया नाट्य उत्सव का आगाज

शिमला  –वर्ष 1887 में गोथिक शैली में बने गेयटी थिएटर में शुक्रवार से स्वर्गीय मनोहर सिंह स्मृति में नाट्य उत्सव का आगाज हो गया है, जिसमें मुख्यतौर पर छह नाटकों का मंचन किया जाएगा। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की संस्कृति को मजबूती देने के लिए सरकार कई अहम कदम उठा रही है, जिसमें फिल्म पॉलिसी इसमें से एक है। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज भी मौजूद थे। वहीं भाषा संस्कृति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रामसुभग सिंह भी कार्यक्रम में पहुंचे। उन्होंने कहा कि रंगमंच की मजबूती के लिए  इस तरह के कार्यक्रम काफी अहम योगदान देते हैं। फिलहाल आयोजित इस कार्यक्रम में नेशनल स्कूल अॅफ ड्रामा की ओर से तीन मुख्यनाटकों का मंचन किया जाने वाला है। इस बार कार्यक्रम की खास बात यह भी है कि एनएसडी के निदेशक सुरेश शर्मा स्वयं गेयटी आए हैं। गौर हो कि एनएसडी अभिनय को लेकर एक ऐसा शिक्षण संस्थान है, जहां से अभियन की शिक्षा ग्रहण करने का सभी कलाकारों का सपना रहता है। एनएसडी से मनोहर सिंह, नसीरुदीन शाह, ओमपुरी, राजबब्बर जैसे कलाकार निकले हैं। फिलहाल इस कार्यक्रम के बारे में विभाग की निदेशक कुमुद सिंह ने बताया कि इसी कड़ी में 15 से 20 नवंबर तक भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा इस नाट्य समारोह में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रंगमंडल की सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियां मंचित की जाएंगी। इससे अतिरिक्त प्रदेश के रंग प्रेमियों को राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों की प्रतिभा को देखने का अवसर मिलेगा। इस वर्ष प्रदेश में प्रचलित लोक नाट्य विधाओं के कलाकारों को भी विशेष रूप से मंच प्रदान किया जा रहा है। समारोह में दो दिन प्रदेश में प्रचलित लोक नाट्य विधाओं करयाला बांठडा व धाज्जा का मंचन भी किया जाएगा।

रंगमंच का रूप बदल सकती है फिल्म पॉलिसी

हिमाचल में फिल्म पालिसी का बनाया जाना एक बड़ी पहल है, लेकिन यह अहम योजना फाइलों में ही दफन हो कर नहीं रह जानी चाहिए। यह रंगमंच के रूप को बदल कर इसका प्रदेश में विस्तार कर सकती है। इस कार्यक्रम में शिमला आए एनएसडी यानी कि नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के निदेशक सुरेश शर्मा ने प्रदेश में फिल्म पालिसी बनाने का कार्य सराहा है। उन्होंने बताया कि मनोहर सिंह की जन्मभूमि हिमाचल है, इस कलाकार की मिट्टी में ही कला की खुशबू है। प्रदेश के कलाकार काफी इमानदारी से अभिनय करते हैं। वहीं शुक्रवार को पहले नाटक जिसका नाम ताजमहल का टेंडर है, उसमें मुख्य किरदार को भी एनएसडी के निदेशक ने निभाया है। कार्यक्रम में पहुंचे निर्देशक गोविंद यादव ने कहा कि कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए एक अच्छी कार्यशाला का आयोजन किया जाता रहना चाहिए।


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