मोटापे के कारणों का पता लगाकर करें पक्का इलाज

By: Nov 9th, 2019 12:06 am

इस वाक्य पर गौर कीजिए जरा-‘कोई व्यक्ति इसलिए मोटापे का शिकार नहीं है कि वह फैट (वसा) वाली चीजें खाता है, बल्कि इसलिए है, क्योंकि वह गलत फैट का सेवन कर रहा है।’ अकसर हमने यही सुना है कि फैट यानी वसा सेहत के लिए बुरी चीज है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। कुछ फैट सेहत के लिए अच्छा और जरूरी भी होता है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के हेल्थ पोर्टल के अनुसार कि जब भी और जैसे भी संभव हुआ, हमने इसे अपने खान-पान से दूर करने की कोशिश की। शुरुआत कम वसा वाले खाद्य पदार्थों से की, लेकिन सच्चाई यह है कि ऐसा करके हम अपनी सेहत को फायदा नहीं पहुंचा सके। शायद इसलिए कि हमने अच्छे फैट को खुद से दूर कर लिया।’ नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (यूएसए) के अनुसार, इसमें मौजूद फैटी एसिड ब्रेन फंक्शन, मेंटल हेल्थ के साथ ही हड्डियों की मजबूती और कोशिकाओं की वृद्धि में मदद करते हैं।

समझिए फैट का साइंस

सभी तरह के फैट का बेसिक कम्पोनेंट होते हैं, एक कार्बन श्रृंखला और हाइड्रोजन परमाणु। कार्बन श्रृंखला की लंबाई और हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या के कारण एक तरह का फैट दूसरे से भिन्न हो सकता है। इसी कारण कुछ फैट सेहत के लिए अच्छे तो कुछ बुरे हैं। फैट से शरीर को एनर्जी मिलती है। यह पूरी तरह प्रमाणित किया जा चुका है कि हमारे शरीर को वसा की आवश्यकता होती है, ठीक उसी तरह जैसे उसे कार्बोहाइड्रेट या प्रोटीन की आवश्यकता होती है। फैट के कारण ही विटामिन ए, डी, ई, शरीर में प्रोसेस होते हैं। इसी कारण शरीर का ठंड से बचाव होता है, लेकिन ये सभी महत्वपूर्ण कार्य स्वस्थ असंतृप्त वसा द्वारा किए जाते हैं।

आप भी कर सकते हैं पहचान

अगर ठंडे होने के बाद मटन या सूखे मांस पर ग्रीस दिखाई देता है तो यह संतृप्त वसा (सेचुरेटेड फैट) है। यह कमरे के तापमान पर जम जाती है। संतृप्त वसा के अन्य स्रोत हैं, पनीर, नारियल का तेल, घी, पूरे दूध के डेयरी उत्पाद और सभी वसायुक्त जंक फूड। ट्रांस फैट की थोड़ी मात्रा भी स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है। 2 प्रतिशत ट्रांस फैट से हृदय रोग का खतरा 23 प्रतिशत बढ़ जाता है। अमेरिका में ट्रांस फैट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन भारत में ये चीजें धड़ल्ले से बिक रही हैं।

इनसे मिलता है अच्छा फैट

आहार में थोड़ा-सा जैतून का तेल, मूंगफली का तेल, कैनोला तेल, एवोकाडो और नट्स शामिल करके अच्छा फैट हासिल किया जा सकता है। ओमेगा3 और ओमेगा6 दो प्रकार के पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं जिन्हें हमारा शरीर अपने आप संश्लेषित या बना नहीं सकता है। पीयूएफए में कार्बन के दो या दो से अधिक बॉन्ड होते हैं, और यह हमारे दिल को स्वस्थ रखता है।


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