रंगड़ों के काटने से जख्मी हुई महिला की जान बची

धर्मपुर –गत रविवार रंगड़ों के हमले से घायल उपमंडल सरसकान पंचायत के रखेड़ा गांव की शीला (45) को पीजीआई चंडीगढ़ में तैनात चिकित्सकों ने बचा लिया है।  ग्रामीणों ज्ञान चंद और सोहन लाल ने बताया कि वह सहायता हेतु जोर-जोर से चिल्ला रही थी। उसके ऊपर सैकड़ों रंगड़ भिनभिना रहे थे। उन्होंने जान की परवाह न करते हुए उसे सड़क तक पहुंचाया। तब तक रंगड़ उसे सौ से भी अधिक डंक मार चुके थे। उसके मुंह से लार बह रही थी और वह अर्द्ध बेहोशी की हालत में थी। पीडि़त महिला को एंबुलेंस की सहायता से धर्मपुर ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद नेरचौक स्थित लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कालेज रैफर कर दिया गया, लेकिन लगातार बिगड़ती हालत को देखकर चिकित्सकों ने उसे पीजीआई भेज दिया। सही समय पर अत्याधुनिक सुविधा मिल जाने से उसकी जान बचा ली गई। महिला का इलाज कर रहे डा. नरेश ने बताया कि रंगड़ के काटने से पैदा होने वाली जटिलता व्यक्ति के शरीर पर निर्भर करती है, लेकिन चार-पांच डंक घातक साबित हो सकते हैं। वहीं वरिष्ठ नागरिकों के लिए कार्य करने वाली संस्था स्पोर्ट एज हिमाचल की कार्यकारी अध्यक्ष सिमरन ठाकुर का कहना है कि प्रदेश में रंगड़ों के काटने से हर साल कई लोग मौत के मुंह में चले जाते हैं। कृषि वैज्ञानिक इनके खात्मे के लिए कारगर एवं सुलभ तकनीक इजाद करें, ताकि किसान भयमुक्त होकर खेत और घासनियों में कार्य निपटा सकें।