रंग ला रही नगर निगम की मुहिम

आवारा कुत्तों को गोद लेने के लिए आगे आने लगे लोग, शहर में अच्छा रिस्पांस

शिमला – शहर में आवारा कुत्तों की तादाद व आतंक से बचने के लिए निगम की मुहिम धीरे-धीरे रंग ला रही है। शहर में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कुत्तों के आतंक से न केवल शहरवासी बल्कि शिमला घूमने आए सैलानी भी खौफ में हैं। हैरानी की बात तो यह है कि आतंक के साथ-साथ आवारा कुत्तों के शिकार हुए लोगों को शहर के अस्पतालों में उपचार भी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में आवारा कुत्तों की समस्या के समाधान के लिए निगम की मुहिम कहीं न कहीं खरी उतर रही है। बता दें कि  नगर निगम हाउस में हुई इस घोषणा के बाद ही सात दिनो में दस लोगों ने आवारा कुत्तों को अडॉप्ट करने के लिए आवेदन किया है। नगर निगम आयुक्त पंकज राय ने आवेदन करने वाले इन लोगों के इस कदम की सराहना की है। इसमें हैल्थ ब्रांच और आयुक्त कार्यालय में कुत्ते को अडॉप्ट करने के लिए फार्म भरा जा सकता है। आवेदनकर्ता को गारबेज फीस में छूट दी जाएगी। नगर निगम शिमला ने शहर वासियों को आवारा कुत्तों से निजात दिलाने के लिए गारबेज फीस में 50 फीसदी छूट देने का फैसला लिया है। निगम के नए आइडिया के मुताबिक आवारा कुत्ते को पालने पर गारबेज फीस में 50 फीसदी छूट मिलेगी यानि कूड़ा उठाने के एवज में 80 की बजाय 40 रुपए ही देने होंगे। कुत्ते की रजिस्ट्रेशन की 500 रुपए की फीस भी निगम नहीं वसूलेगा। कुत्ते का इलाज निगम खुद करवाएगा। राजधानी के साथ उपनगरों में भी लगातार कुत्तों की संख्या बढ़ रही है। निगम नसबंदी योजना के तहत इनकी संख्या को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहा है। अब लोगों को भी इसमें निगम का सहयोग देने का समय है। निगम कुत्ते को पालने के लिए किसी पर कोई दबाव नहीं बनाएगा, लेकिन कोई पालता है तो उन्हें सुविधाएं छूट के रूप में देगा।