राजपुर से पंचरुखी सड़क…बीमा है,तभी करें सफर

दियोग्रां के पास अधूरी पुलिया तलाश रही शिकार,मोड़ पर पड़े हैं बड़े-बड़े गड्ढे, पीडब्ल्यूडी के पास नहीं है सुधार के लिए वक्त

राजपुर (पालमपुर) – आखिर विकास कार्यों का वजूद खत्म होने का दोषी कौन है, सिस्टम को दोष दें या कार्य करवाने वालों को या फिर जनता जनार्दन दोषी है। सरकारें करोड़ों रुपए विभिन्न कार्यों पर खर्च करती हैं, जबकि राजनीतिक दल वर्षों तक कार्य करवाने के कोरे आश्वासन देते रहते हैं, लेकिन धरातल पर यह कार्य कितने कारगर है, इसका पता किसी को नहीं है। विभाग तो अनभिज्ञ है ही। अगर हम राजपुर से पंचरुखी सड़क की बात करें, तो सड़क कुछ स्पॉट लंबे समय से दयनीय स्थिति में हैं। कई बार सड़क को दुरुस्त किया गया, लेकिन दियोग्रां के पास पुलिया तो बनी, लेकिन इसे पूरा नहीं किया जा रहा है। इसी मोड़ पर पड़े गड्ढों में वाहन चालकों को आए दिन दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं, जबकि पट्टी के पास भी बनी पुलिया की भी यही हालत है, पर सुधार कौन करें। जवाब किसी के पास नहीं है। लोक निर्माण विभाग ने भी महीनों सुधार नहीं किया, तो अब पालमपुर लोक निर्माण के तहत आने पर शायद विभाग के पास कागज नहीं पहुंचे या फिर लापरवाह है। यही उक्त मार्ग के किनारे इतने नीचे व ऊबड़-खाबड़ है कि दोपहिया वाहन पास देते वक्त अकसर औंधे मुंह गिरते हैं। किनारों पर पड़ी रोड़ी परेशानी बनी हुई है, जिसका खामियाजा जनता को भुगत रही है। अब तो यही शब्द निकलते अगर उक्त मार्ग से गुजरना हो, तो बीमा करवा लें। इस मार्ग पर दो-तीन स्पॉट हर पल हादसे को न्योता दे रहे हैं, पर महकमा कोई सुध नहीं ले रहा है। शिकायत पर उच्च अधिकारी पहुंच जाते हैं, लेकिन फीडबैक कौन लें। लोगों का कहना है कि रोजाना हजारों वाहनों सहित लोगों का बोझ ढोने वाली यह सड़क दम तोड़ रही है, लेकिन परवाह किसी को नहीं है। विभाग के पास रटारटाया जवाब होता है कि मार्ग को सुधार दिया जाएगा।