राजा का तालाब में विस्थापितों का चक्का जाम
जसूर-जवाली मार्ग पर एक घंटा किया यातायात बंद, डीएसपी ने मौके पर पहुंचे बहाल करवाया रास्ता
राजा का तालाब – हक के लिए 47 साल से विस्थापन का दंश झेल रहे पौंग बांध विस्थापित गुरुवार को उपमंडल फतेहपुर के कस्बा राजा का तलाब में गरजे। विस्थापितों ने करीब एक घंटे तक जसूर-जवाली मार्ग पर यातायात जाम किया। अभी तक मौके पर भारी पुलिस तैनात है। डीएसपी नूरपुर साहिल अरोड़ा व अन्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर विस्थापितों को समझाया और मार्ग बहाल करवाया। हाथों में तख्तियां लिए समिति सदस्यों ने केंद्र, प्रदेश व राजस्थान सरकार को चेताया कि अगर जल्द पौंग बांध विस्थापितों की समस्याओं पर कोई फैसला नहीं लिया तो विस्थापित करो या मरो की नीति पर चलते हुए आंदोलन करेंगे। 47 वर्ष के बाद भी पौंग बांध विस्थापितों की समस्या का समाधान नहीं हुआ। उन्होंने प्रदेश सरकार, सांसदों व प्रतिनिधियों पर आरोप लगाया कि वे विस्थापितों के हक की आवाज को प्रमुखता से नहीं उठा पाए हैं। विस्थापितों का कहना है कि जब भी प्रदेश में चुनाव आते हैं, तो दोनों ही प्रमुख पार्टियों को विस्थापितों की याद मात्र वोटों की ही राजनीति के लिए ही आती है। आखिरकार विस्थापितों की अनदेखी का क्या कारण है। पौंग डैम बनने के समझौते के अनुसार आज तक विस्थापितों को राजस्थान में जमीन नहीं मिल पाई है। यहां वहां रहकर परिवार गुजर बसर कर रहे हैं। 47 साल से विस्थापित केंद्र, प्रदेश व राजस्थान सरकार से हक मांग रहे हैं, लेकिन आज तक हक नहीं मिला है। अब मजबूरन आंदोलन के लिए बाध्य हो गए हैं। इस मौके पर हंस राज चौधरी, रघुवीर सिंह लालिया, एमएल कौंडल, राम पाल वर्मा, राम कुमार शर्मा, अशवनी चौधरी, संदीप गुलेरिया, कुलभूषण सिंह, बंसी लाल, पुरुषोत्तम चौधरी, नंद किशोर, अजय चौधरी, विकास चौधरी, संजीव कुमार, रविंद्र, राजिंद्र, मुलख राज, अमीन चंद, उत्तम चंद, कर्म चंद, मोती राम, सन्नी नागर, दीपक कुमार, मुनीष कुमार, रानो देवी व चंचला देवी सहित कई अन्य विस्थापित मौजूद रहे।
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