लोगों ने अपने दम पर बना दिया गोबिंदघाट

By: Nov 16th, 2019 12:21 am

सड़क-पार्किंग-रेनशैड व बिजली की सुविधा, एक दानी ने श्मशानघाट के लिए दी जमीन

हमीरपुर –विकास खंड टौणीदेवी के सराहकड़ गांव के लोगों ने स्वयं ही अपने लिए गोबिंदघाट का निर्माण कर लिया। लोगों ने अपने श्रम से श्मशानघाट का निर्माण कर इसका नामकरण भी कर दिया। श्मशानघाट बनाकर इसका नाम गोबिंदघाट रखा गया है। अभी भी इस घाट का निर्माण कार्य चल ही रहा है। दरअसल जीवन की अंतिम यात्रा की करीब अढ़ाई किलोमीटर लंबी ऊबड़-खाबड़ राह को देख ग्रामीणों ने यह फैसला लिया। कलंझड़ी माता मंदिर के ठीक नीचे करीब चार मरले जमीन पर सड़क, पार्किंग, रेनशेड, बिजली व पानी की उपलब्धता के साथ सराहकड़ गांव के करीब 64 परिवार श्मशानघाट बनाने में जुटे हुए हैं। आबादी से दूर इस नए श्मशानघाट का नाम गोबिंदघाट रखा गया है। गोबिंदघाट के लिए चार मरले का खेत एआईटी में तैनात सुरक्षागार्ड सराहकड़ गांव के अजय कुमार रांगड़ा पुत्र जयकृष्ण ने दान किया है। इसके अलावा करीब साढ़े तीन लाख रुपए की राशि गांव के लोगों ने एकत्रित कर ली है। जीवन की अंतिम यात्रा को पूर्ण करवाने के लिए सराहकड़ गांव के लोगों को करीब अढ़ाई किलोमीटर दूर कराड़ा में कटियारा गांव के श्मशानघाट तक जाना पड़ता है। यह रास्ता अत्यंत ऊबड़-खाबड़ है तथा अर्थी को ले जाने वालों के लिए भी जोखिम भरा है। इस समस्या को सराहकड़ गांव के अजय कुमार ने समझा और 64 परिवारों के आगे बात रखी। अजय द्वारा चार मरला जमीन दान करते ही कैप्टन सुखदेव सिंह, भाग चंद, जसवंत सिंह, माला राम धीमान, सुनील कुमार धीमान, विजय कुमार धीमान, बिहारी लाल धीमान, ईश्वर दास धीमान, प्रभात सिंह, राकेश कुमार, पीर चंद, मुकेश रांगड़ा, प्रीतम चंद, कर्म चंद, कुलतार सिंह, राजकमल, अंकित रांगड़ा, विपन रांगड़ा और मस्तराम ने लाखों रुपए इस पुण्य कार्य के लिए एकत्रित कर लिए। ग्रामीणों ने सरकार या प्रशासन से इस काम के लिए एक भी पैसे की मदद न लेने का प्रण भी लिया है। अजय कुमार रांगड़ा ने बताया कि भूमि पूजन के साथ सड़क निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। गांव के ही एक बुजुर्ग स्व. गोबिंदु पुत्र जोधा राम के नाम पर घाट का नाम गोबिंद घाट रखा

गया है। यहां सड़क, पार्किंग, रेनशेड, बिजली एवं पानी की उपलब्धता रहेगी।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App