हिमाचल को झकझोरने वाले पत्र प्रकरण की फोरेंसिक जांच में खुलासा
मोबाइल डाटा के अनुसार रविंद्र रवि के इशारे पर हुआ था सारा खेल
मामला यहीं थमने के आसार नहीं
धर्मशाला – हिमाचल के पालमपुर में जारी हुआ लैटर बम प्रदेश सहित देश की राजनीति में एक तूफान था। सितंबर माह में स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार, उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के आरोपों वाले पत्र के सोशल मीडिया में वायरल होने और मामले में पूर्व मंत्री रविंद्र रवि का नाम सामने आने के बाद सियासी घमासान शुरू हो गया था। कथित भ्रष्टाचार के आरोपों वाले पत्र के सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद शांता कुमार ने सार्वजनिक रूप से नाराजगी जाहिर की थी। सियासी जगत में चर्चा गर्म है कि इसके बाद शांता कुमार विपिन परमार से भी कुछ नाराज हो गए थे। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री परमार के करीबी वकील दिलबाग सिंह परमार ने भवारना थाने में सोशल मीडिया में पत्र वायरल करने के आरोपी मनोज मसंद के खिलाफ सोशल मीडिया में मैसेज वायरल करने व धमकी देने की शिकायत दर्ज करवाई। ऐसे में अब यह मामला थमने वाला नहीं दिख रहा है। हिमाचल भाजपा में पहले ही धूमल व जयराम गुटों में तलवारें खिंची हुई हैं। स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार के खिलाफ जिस तरह से इस मामले को उछाला गया था, वह गंभीर है। भले ही सोमवार तक विपिन सिंह परमार चुप्पी साधे हुए थे और तथ्य हाथ में आने तक फिलहाल कुछ भी कहने से बच रहे थे, लेकिन अभी चुप्पी अधिक समय तक रहने वाली नहीं है। इतना ही नहीं, जयराम खेमे पर भारी पड़ने की कोशिश में धूमल गुट के खिलाफ जयराम खेमे को भी एक बड़ा सियासी हथियार मिल गया है। हिमाचल भाजपा में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और केंद्रीय वित्त एवं कारपोरेट राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर के बीच दूरियां इन्वेस्टर्स मीट से पहले भी देखने को मिल रही थीं, लेकिन फोरेंसिक रिपोर्ट से अब बहुत कुछ सामने आएगा। सियासी जानकारों का कहना है कि इस तथ्य आधारित रिपोर्ट के बाद श्री परमार अवश्य ही अपनी छवि खराब करने का हिसाब मांगेंगे।