वायु प्रदूषण पर चंडीगढ़ से मांगा जवाब

केंद्र सरकार ने पॉल्यूशन नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों की मांगी रिपोर्ट

चंडीगढ़ – केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। प्रशासन से जुडे़ सूत्रों के अनुसार केंद्र ने नियमित आधार पर रिपोर्ट मांगी भेजे जाने तथा इन प्रयासों के परिणामों पर जल्द ही प्रगति रिपोर्ट भेजने को कहा है। बताया जाता है कि प्रशासन ने अपनी योजनाओं में  बैटरी चालित वाहनों को बढ़ावा देने, अधिक ट्रैफिक वाले सथानो पर ग्रीन  बफर्स, आधुनिक यातायात प्रबंधन प्रणाली शुरू करने की योजनाओं की सूची तैयार की है, ताकि केंद्र सरकार को शीघ्र रिपोर्ट भेजी जा सके। प्रशासन ने अपनी प्रस्तावित रिपोर्ट में कहा है कि उन्होंने पहले से ही प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ  व्यापक अभियान चलाया है और सड़कों को चौड़ा करने और सड़कों की मरम्मत के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए एक कार्य योजना भी तैयार की है। इस योजना में ट्रैफिक सिग्नलों का सिंक्रनाइजेशन, खुले इलाकों को हरा-भरा करना और प्रमुख ट्रैफिक चौराहों पर पानी (टरशरी) के फव्वारे लगाना आदि शामिल है। प्रशासन का कहना है कि  वायु गुणवत्ता मुख्य रूप से निर्माण और विध्वंस कचरे और वाहनों की संख्या में वृद्धि के कारण बिगड़ी है। प्रशासन का कहना है कि शहर में सड़कों की लंबाई/संख्या में कोई परिवर्तन नहीं होने के साथ गत दस वर्षों में वाहनों की संख्या में लगभग 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हल्के मोटर वाहनों (एलएमवी) की वृद्धि, मूल रूप से कारों, पिछले एक दशक में शत-प्रतिशत वृद्धि हुई है। जबकि दोपहिया वाहनों में लगभग 48 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे वायु प्रदूषण भी बड़ा है। प्रशासन के एक वरिष्ट अधिकारी का कहना था कि केंद्र को भेजी जा रही रिपर्ट में कहा गया है कि सड़क के धूल ए बागवानी अपशिष्ट  और पड़ोसी राज्यों में जलने वाली पराली वायु प्रदूषण के प्रमुख हैं। प्रशासन हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने पर भी काम कर रहा है। दो साल पहले परिवहन विभाग की एक टीम ने चार्जिंग स्टेशनों के सेट-अप का अध्ययन करने के लिए नागपुर का दौरा किया था। नागपुर देश का पहला शहर था, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन थे। चंडीगढ़ में भारत में वाहनों का उच्चतम घनत्व लगभग 12 लाख पंजीकृत हैं, जिनमें दोपहिया और चार पहिया वाहन शामिल हैं। औसतन प्रति घर वाहनों की संख्या दो है। इसके  कारण वायु की गुणवत्ता में तीव्र गिरावट आई है। प्रशासन ने केंद्र को बताया है कि प्रदूषण स्तर में कटौती के लिए चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सीटीयू) इलेक्ट्रिक बसों को अपने बेडे़ में शामिल करेगा। वर्तमान में शहर में लगभग 3,000 ई-रिक्शा हैं।