शिक्षा में नंबर बन बनेगा बिलासपुर
डाइट जुखाला में शिक्षाविदों ने बनाई रणनीति, छात्राें को पढ़ाई शेड्यूल के तहत करवाने के निर्देश
बिलासपुर –शिक्षा के क्षेत्र में पांचवें से बिलासपुर को नंबर वन बनने के लिए शिक्षाविदों ने चिंतन शुरू कर दिया है। इस बाबत डाइट जुखाला मंे आयोजित मीटिंग में गहन चर्चा की गई है और शिक्षकों को शिक्षा का स्तर ऊंचा करने, विद्यार्थियों की पढ़ाई शेड्यूल के मुताबिक करवाने के अलावा जीतोड़ मेहनत करने के निर्देश दिए हैं। मीटिंग में कहा गया कि इस समय हिमाचल मंे शिक्षा क्षेत्र मंे ऊना, कांगड़ा और मंडी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और हम पांचवें पायदान पर हैं। लिहाजा पहले स्थान पर आने के लिए प्रयासों की जरूरत है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) जुखाला में मासिक पुर्ननिरीक्षण बैठक उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा सुदर्शन कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इसमें प्रधानाचार्य एवं जिला परियोजना अधिकारी राकेश पाठक, डाइट फैकल्टी, स्कूल मुखियाओं, खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों एवं खंड स्रोत केंद्र समन्वयकों सहित सर्व शिक्षा अभियान के कर्मचारी गणों, राज्य परियोजना निदेशक के कार्यालय द्वारा लगाए गए पर्यवेक्षकों और अपराजिता फाउंडेशन के सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में राकेश पाठक ने जिला के सभी पांचों शिक्षा खंडों की चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षा खंड घुमारवीं-दो झंडूता और घुमारवीं एक ठीक चल रहे हैं, लेकिन सदर शिक्षा खंड केंद्र में होने के बावजूद चौथे नंबर पर चल रहा है और स्वारघाट पांचवें नंबर पर है। हमें प्रयास करना पड़ेगा, ताकि हम प्रथम स्थान पर आ सकें। बिलासपुर जिला के सभी शिक्षक अपने-अपने विद्यालय का डैशबोर्ड जरूर खोलंे और सीखने के प्रतिफल पर ध्यान अवश्य दें तथा उसके अनुरूप कार्य कर सार्थक परिणाम लाने का भरसक प्रयास करें। हमारी कोशिश पहले स्थान पर पहुंचने की होनी चाहिए। हालांकि हमारे शिक्षक पढ़ाई के क्षेत्र पीछे नहीं हैं, लेकिन अपनी जानकारी को प्रचारित और प्रसारित नहीं करते हैं। आज का समय प्रचार एवं प्रसार का है इस तरफ भी ध्यान देने की जरुरत है। पाठक ने कहा कि हाल ही 50 स्कूलों का निरीक्षण किया गया है और इसमें यह पाया गया कि हम आईसीटी का प्रयोग कम कर रहे हैं। तय लक्ष्यों को प्राप्त करने में हम पीछे चल रहे हैं। इस के लिए जीतोड़ प्रयास करने होंगे। मीना शर्मा का उदाहरण देते हुए पाठक ने कहा कि उन्होंने 200 वीडियो बनाकर भेजे हैं जो काबिलेतारीफ है उसमें से 20 एसपीडी को भेजे गए हैं। इस मौके पर प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उपनिदेशक सुदर्शन कुमार ने कहा कि हमारा सारा ध्यान सरकार द्वारा दिए गए लक्ष्यों को पूरा करने पर होना चाहिए। अपने कार्यों को पूरी लग्न के साथ पूरा करें हमारे शिक्षक बहुत अच्छे हैं, लेकिन हमें आउटपुट पर ध्यान देना पड़ेगा। सरकार द्वारा तय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए लगातार निरीक्षण किए जा रहे हैं। उन्होंने शिक्षकों को टीचर डायरी लगाने के निर्देश जारी किए। कहा कि प्रत्येक दिन की योजना उसमें जरूर दर्शाएं कि क्या पढ़ाया गया। अपना पराया छोड़कर बच्चों के हित के लिए कार्य करें। इस मासिक बैठक में डाइट की 22 इंटरवेंसन की मदबार चर्चा की गई। लेखा एवं वित्त की खंड स्तर पर चर्चा की गई तथा निर्णय लिया गया कि खंड स्तर पर जितनी भी वित्तीय सहायता खंड स्रोत केंद्र समन्वयकों को दी गई है उसे पीएफएमएस के माध्यम से जारी किया जाए। धनकोष के उपयोगिता प्रमाण पत्र आगामी बैठक तक लेखाकार के पास जमा करवाएं। ढांचागत सुविधा के अंतर्गत समन्वयक दिनेश कुमार ने बताया कि 54 रैंप दिव्यागों के लिए निर्मित किए जा रहे हैं जिसमें 44 रैंप बन कर तैयार हो चुके है तथा दस का कार्य प्रगति पर है। उसे समय पर पूरा कर लिया जाएगा। राष्ट्रीय अविष्कार अभियान के तहत पहले 15 स्कूल थे और तीन नए स्कूलों का चयन वर्ष 2018-19 के अंतर्गत किया गया है। घागस, जेजवीं व जकातखाना को इसमें शामिल किया गया है। प्री-प्राइमरी के अंतर्गत जिला में पहले 298 स्कूलों का चयन किया गया था। इसमें 37 स्कूलों की बढ़ोतरी की गई है प्री प्राइमरी एक नवाचार कार्यक्रम है। इस पर सरकार जिला में एक करोड़ आठ लाख रुपए खर्च कर रही है। गुणात्मक शिक्षा में स्वयंसिद्धम पोर्टल एवं सगुण पोर्टल पर भी चर्चा की गई।
पांच बेहतरीन स्कूल प्रबंधन समितियों का होगा चयन
स्कूल प्रबंधन समिति के जिला समन्वयक विजय कुमार शर्मा ने कहा कि स्कूल प्रबंधन समितियों के उत्कृष्ट चयन की प्रक्रिया चालू की जा चुकी है और प्रत्येक शिक्षा खंड से पांच बेहतरीन स्कूल प्रबंधन समितियों का चयन किया जाएगा। स्कूल शिक्षा संवाद का दूसरा चरण 30 नवंबर 2019 से पहले सभी पाठशालाओं में आयोजित किया जाएगा।
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