शिलान्यास से आगे नहीं सरकी सड़क

 कोटलू बिंदडेयां में दो साल पहले पूर्व विधायक राजेश धर्माणी ने महकमे को दिए थे दो लाख

बरठीं प्रदेश के प्रत्येक गांव तक सड़क होने के सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। इसका खुलासा विकास खंड घुमारवीं की ग्राम पंचायत कोटलू ब्राह्मणा के गांव कोटलू बिंदडेयां में सड़क न होने से हुआ है। गांव में यदि कोई बीमार हो जाता है, तो आज भी उसको घर से पक्की सड़क तक पालकी में कुछ लोग उठाकर लाते हैं और यदि गांव में उठाने वाला कोई न होे तो मरीज को घर में ही तड़फना पड़ता है। हरिजन बस्ती कोटलू बिंदडेयां गांव निवासी कृष्णू राम, किरपा राम, बालक राम, श्रीराम, अतुल, अजय, महिला मंडल की प्रधान गायत्री देवी, अमित, कपिल, मीरां देवी, बिमला देवी व पूजा देवी सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि गांव में आज तक सड़क सुविधा नहीं है, जबकि 2017 में तत्कालीन विधायक राजेश धर्माणी द्वारा सड़क का विधिवत रूप से शिलान्यास कर सड़क के लिए दो लाख रुपए की राशि लोक निर्माण विभाग को आबंटित की थी, लेकिन अभी तक लोगों को सड़क की सुविधा नसीब नहीं हो पाई है। ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में एक आंगनबाड़ी केंद्र और महिला मंडल है। इसके अलावा गांव में कुछ 70 से 80 वर्षीय बुजुर्ग हैं, जो कभी भी बीमार हो जाते हैं। ऐसे में उनके गांव तक एंबुलेंस भी नहीं आ सकती है। ग्रामीणों ने बताया कि पक्की सड़क से उनके घर तक महज 500 मीटर की दूरी है और सारी सरकारी भूमि है, जिस पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है। इसकी शिकायत उपायुक्त बिलासपुर, लोक निर्माण विभाग, राजस्व विभाग, वन विभाग व प्रदेश के मुख्यमंत्री तक की है, लेकिन अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने सरकार व विभाग से मांग की है कि हरिजन बस्ती तक सड़क बनाई जाए, अन्यथा वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाने पर मजबूर होंगे। उधर, पंचायत प्रधान प्यार सिंह ने बताया कि कोटलू बिंदडेयां तक एंबुलेंस योग्य सड़क निर्माण होना चाहिए, लेकिन जमीनी विवाद के चलते कार्य लटका हुआ है। फिलहाल उन्होंने सड़क के लिए पंचायत में प्रस्ताव पास कर लोक निर्माण विभाग को प्रेषित कर दिया है। उधर, लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता सुरजीत कैंथ ने बताया कि वह स्वयं मौका  र जाकर आवश्यक कार्रवाई अमल में लाएंगे।