संसद में पहले ही दिन हंगामा

By: Nov 19th, 2019 12:06 am

लोकसभा में विपक्ष ने उठाया फारूख अब्दुल्ला और गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाने का मुद्दा

नई दिल्ली – विंटर सेशन का पहला दिन ही उम्मीद के अनुसार काफी हंगामेदार रहा। लोकसभा सांसद और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूख अब्दुल्ला को नजरबंद किए जाने के खिलाफ कांग्रेस सांसदों ने जमकर हंगामा किया। सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाने पर भी सवाल उठाए। फारूख को रिहा करने और कश्मीर के हालात को लेकर संसद में विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने फारूख अब्दुल्ला की नजरबंदी पर सवाल उठाते हुए इसे जुल्म करार दिया। चौधरी ने कहा कि 108 दिन हो गए हैं, जबसे फारूख अब्दुल्ला जी को हिरासत में लिया गया है। ये क्या जुल्म हो रहा है? हम चाहते हैं कि उन्हें संसद में लाया जाए। यह उनका संवैधानिक अधिकार है। गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा पिछले दिनों वापस ले ली गई है और उन्हें जेड प्लस सुरक्षा दी गई है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि मैं यहां से यह भी मुद्दा उठाना चाहता हूं कि आखिर सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वढेरा जी की एसपीजी सुरक्षा क्यों हटाई गई। हालांकि, एसपीजी सुरक्षा हटाते वक्त भी कहा गया था कि गांधी परिवार के तीनों सदस्यों की सुरक्षा का पूरा इंतजाम किया गया है। उन्हें किसी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है। फारूख अब्दुल्ला को रिहा करो के नारे लगे लोकसभा में कार्यवाही शुरू होने के साथ ही कांग्रेस सांसदों और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की। कांग्रेस सांसदों ने विपक्ष पर हमले बंद करो, फारूख अब्दुल्ला को रिहा करो के नारे लगाए। नारे लगाते हुए कुछ सदस्य स्पीकर की वेल के पास तक पहुंच गए। इसके साथ ही कश्मीर में तानाशाही नहीं चलेगी जैसे नारे भी लगाए गए।

सबसे ज्यादा विरोध करने वाले से दोस्ती करो, ठीक चलेगी संसद

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को सत्ता पक्ष को सीख देते हुए कहा कि सबसे ज्यादा विरोध करने वाले से दोस्ती करो तो संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलेगी। श्री आजाद ने सुबह राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद सदन के हाल में दिवंगत हुए सदस्यों को श्रद्धांजलि देते हुए यह टिप्पणी की। सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सुबह सदन की कार्यवाही शुरू करते हुए सदस्यों को सदन के पूर्व नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता अरुण जेटली, जगन्ननाथ मिश्र, गुरुदास दासगुप्ता और सुखदेव सिंह लिबड़ा के निधन की जानकारी दी और सदन की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद श्री आजाद ने श्री जेटली की वाकपटुता और उनके मित्रवत्त स्वभाव का उल्लेख करते हुए कहा कि मैं संसदीय कार्य मंत्री को संसद की कार्यवाही चलाने के टिप्स देता हूं। सबसे ज्यादा बोलने वाले और विरोध करने वाले से दोस्ती कर लो तो संसद की कार्यवाही ठीक चलेगी। इस समय सदन में संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन मौजूद थे।

मोदी बोले, एनसीपी और बीजेडी से सीख लें सभी दल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में चर्चा के दौरान आसन के निकट जाकर हंगामा करने की कुछ दलों और उनके नेताओं की प्रवृति पर निशाना साधते हुए सोमवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी तथा बीजू जनता दल के सदस्यों की आसन के निकट नहीं जाने के ‘संकल्प’ की सराहना की और कहा कि सत्ता पक्ष सहित सभी दलों को इनसे सीख लेनी चाहिए। श्री मोदी ने राज्यसभा के 250 वें सत्र के मौके पर सोमवार को सदन में विशेष चर्चा ‘भारतीय शासन-व्यवस्था में राज्यसभा की भूमिका और सुधारों की आवश्यकता’ में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि सदन विभिन्न महत्त्वपूर्ण विषयों पर चर्चा का मंच है और सदस्यों को चर्चा में रूकावट के बजाय संवाद का रास्ता चुनना चाहिए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और बीजू जनता दल (बीजेडी) का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इन दोनों दलों ने अनुशासन बनाए रखते हुए खुद आसन के निकट नहीं जाने का ‘संकल्प’ ले रखा है।

राज्यसभा में राज्यों को समान प्रतिनिधित्व देने की मांग

राज्यसभा में सभी राज्यों को समान प्रतिनिधित्व देने की मांग करते हुए सोमवार को कहा गया कि सदन की प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए इसके सदस्यों को कामकाज के प्रति सक्रिय तथा और गंभीर होना होगा। राज्यसभा के 250वें सत्र के अवसर पर सदन में ‘भारतीय शासन व्यवस्था में राज्यसभा की भूमिका और सुधारों की आवश्यकता पर विशेष चर्चा’ में भाग लेते हुए समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव ने कहा कि राज्यसभा का काम लोकसभा में किए गए कार्यों का अनुमोदन करना नहीं, बल्कि उसमें जनहित और राष्ट्रहित के अनुरूप सुधार करना है। उन्होंने ब्रिटेन की संसद के कामकाज की प्रक्रिया और विकास का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्यसभा का कामकाज किसी भी कानून या विधान पर विस्तृत चर्चा करना और उसमें सुधार करना है। यदि कुछ गलत है तो उसे रोकना भी राज्यसभा की जिम्मेदारी है।

चिट फंड में न डूबे गरीब का पैसा

विपक्ष ने कहा है कि चिट फंड के माध्यम से गरीबों का पैसा मारा जाता है तथा ओडिशा में 20 लाख निवेशकों के हजारों करोड़ रुपए इसमें डूबे हैं और भविष्य में यह स्थिति पैदा नहीं हो, इसलिए सख्त कानून बनाने के वास्ते इस संबंध में पेश विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजना चाहिए। लोकसभा में चिट फंड (संशोधन) विधेयक 2019 पर हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस के सप्तगिरि उल्का ने कहा कि ओडिशा में चिट फंड कंपनियों के कारण 20 लाख छोटे-छोटे गरीब निवेशकों केदस हजार करोड़ रुपए डूबे हैं और इस घोटाले में अभी तक गरीबों को न्याय नहीं मिला है। घोटाले में सबसे ज्यादा पैंसा गरीबों का डूबा है और उनके समक्ष जीवन मरण का सवाल खड़ा हुआ है।


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