सरकाघाट के समाहल में और भी कई हुए राजदेई सी क्रूरता के शिकार
86 वर्षीय मुख्याध्यापक ने सुनाई आपबीती
भूत का हवाला देकर कटवा दिया पेड़
सात नवंबर को मूर्तियां तोड़ने के बाद मंदिर के पास तीन पेड़ों में से एक पेड़ को भी कटवा दिया गया और कहा गया कि इस पेड़ में भूत हैं।
गांव में नशेडि़यों का बोलबाला
गांव में नशेडि़यों और उपद्रवियों का बोलबाला है। मोहन सिंह ने आगे बताया कि जब भी वह गांव में नशेडि़यों का विरोध करते हैं, तो उन्हें धमकियां दी जाती हैं। 86 वर्षीय मोहन सिंह ने प्रशासन और पुलिस से सुरक्षा की मांग की है। समाजसेवी संजय शर्मा ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि मंदिर की पुजारिन व कारकूनों के खिलाफ कड़ी कारवाई की जाए और सरकार अपने स्तर पर अंधआस्था के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाए।
राजदेई के साथ क्रूरता के बाद भी नहीं मानी मंदिर की पुजारिन
राजदेई के साथ क्रूरता के बाद भी देवता की पुजारिन और अन्य लोगों की प्रताड़ना का सिलसिला नहीं रुका था, बल्कि छह नवंबर की घटना के बाद हौंसला बुलंद कर सात नवंबर को गांव के मंदिर में भगवान की मूर्तियों तक को नहीं बख्शा गया।
पछता रहे जेल में बंद लोग
सरकाघाट। समाहल गांव में वृद्धा से हुई क्रूरता और अन्य लोगों को प्रताडि़त करने की घटनाओं के बाद पंचायत के लोग अपने किए पर पछता भी रहे हैं। इस मामले में सलाखों के पीछे बंद 24 लोगों को भी अब पछतावा हो रहा है। लोगों को इस बात अफसोस है कि सब लोग चंद लोगों की बातों में आकर देवता के नाम के आदेश मानते रहे। इन सारे हालातों के बाद फिर से नई शुरुआत और आगे का रास्ता मांगने के लिए पंचायत के लोगों ने देवता मांहूनाग के मूल मंदिर तरौर जाने का निर्णय लिया है, ताकि अब हालातों को आगे के लिए ठीक किया जा सके। मूल स्थान जाकर लोग देवता से एक उचित पुजारी नियुक्ति करने का भी आग्रह करेंगे।
बस वालों से भी लिए बयान
राजदेई को जिस बस में कुछ लोगों ने बिठाया था, उस बस के चालक-परिचालक के बयान पुलिस ने ले लिए हैं। दोनों ने राजदेई के मुंह पर कालिख लगी हुई देखी थी। जांच में यह भी पता चला कि गांव के ही कुछ लोगों ने किराए के पैसे भी दिए थे और इस दौरान देवता का रथ बस के आगे खड़ा रहा था।