सवा चार करोड़ से होगी खेतों की सुरक्षा

मंडी में लावारिस पशुओं, जंगली-जानवरों से फसल को बचाने के लिए खेत संरक्षण योजना बनी वरदान

मंडी -प्रदेश में किसानों के लिए लावारिस पशुओं, जंगली-जानवरों और बंदरों से फसल को बचाने के लिए शुरू की गई खेत संरक्षण योजना के किसानों के लिए वरदान बनी है। योजना के अंतर्गत खेतों के चारों ओर सौर ऊर्जा विद्युत धारा प्रवाहित बाड़बंदी  कंटीली तार व चेन लिंक बाड़बंदी, सौर ऊर्जा विद्युत धारा प्रवाहित बाड़बंदी का प्रावधान किया गया है। वर्तमान वितीय वर्ष 2019-20 के लिए जिला मंडी में योजना के अंतर्गत चार करोड़ 16 लाख के बजट का प्रावधान किया गया है। किसान अपने खेतों की बाडबंदी करवा कर फसलों को सुरक्षित कर सकते हैं। किसान अपने खेतों की बाड़बंदी व्यक्तिगत या सामूहिक तौर पर करवा सकते हैं। सौर ऊर्जा विद्युुत धारा प्रवाहित बाड़बंदी के लिए व्यक्तिगत तौर पर 80 प्रतिशत व सामूहिक तौर पर 85 प्रतिशत उपदान का प्रावधान है।  यदि किसान सौर उर्जा बाड़बंदी नहीं लगवाना चाहते है तो वे चेन लिंक या कंटीली तार की बाड़बंदी भी लगवा सकते हैं।  जिसके लिए 50 प्रतिशत उपदान उपलब्ध है। किसी क्षेत्र में सौर ऊर्जा बाड़बंदी के साथ चेन लिंक या कंटीली तार की बाड़ लगाना भी उपयोगी होता है। जिसके लिए 70 प्रतिशत उपदान का प्रावधान है। बता दें कि प्रदेश में जंगली व आवारा पशुओं और बंदरों की गंभीर समस्या है। प्रदेश में जंगली व आवारा पशुओं से फसलों को बहुत नुकसान होता है। किसानों के खेत भी जंगलों के साथ लगते हैं और जंगल से बंदर भी खेतों में आ जाते हैं और फसलों को तबाह कर देते हैं। प्रदेश सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना में बदलाव किया है। अब इस योजना में सोलर फेंसिंग के अलावा कांटेदार बाड़ लगाने का भी प्रावधान किया गया है। यह कदम किसानों की मांग व सुझावों को देखते हुए उठाया गया है। उधर, डा. जीत सिंह, उपनिदेशक, कृषि विभाग मंडी का कहना है कि किसान लावारिस पशुओं, जंगली-जानवरों और बंदरों से फसल को बचाने के लिए खेत संरक्षण योजना लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यदि किसान सौर उर्जा बाड़बंदी नहीं लगवाना चाहते है तो वे चेन लिंक या कंटीली तार की बाड़बंदी भी लगवा सकते हैं।  जिसके लिए 50 प्रतिशत उपदान उपलब्ध है।