सिडार ऑयल पॉलिसी में संशोधन

वन माफिया पर नकेल के लिए नए तरीके अपनाएगी सरकार

शिमला – प्रदेश में हर साल बढ़ रहे वन माफिया पर नकेल कसने के लिए प्रदेश सरकार नए हथकंडे अपनाने जा रही है। अवैध पेड़ कटान के बाद अब सिडार ऑयल के अवैध करोबार पर सख्ती से नियम लागू करने की पूरी तैयारी हो चुकी है। प्रदेश में आठ साल पहले यानी 2011 में सिडार ऑयल निकालने पर पूरी तरह से रोक लगी थी। बावजदू इसके प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में अवैध कारोबार शुरू होने लगा। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार सिडार ऑयल निकालने वाली पुरानी नीति में व्यापक संशोधन करेगी, जिसमें प्राइवेट सेक्टर से लेकर वन विभाग के देवदार के पेड़ों से सिडार ऑयल आम आदमी नहीं निकाल सकेगा। विभागीय सूत्रों के मुताबिक वन विभाग अब खुद ही सिडार ऑयल निकालेगा। हालांकि इससे पहले वन विभाग और निजी पेड़ों से सिडार ऑयल निकालने पर पूरी तरह रोक लगी थी, लेकिन अब इसमें संशोधन होगा। वन विभाग ने अपने स्तर पर प्रस्ताव भी तैयार कर दिया है। निजी भूमि पर लगे देवदार के पेड़ों से संबंधित भूमि मालिक सिडार ऑयल नहीं निकाल सकेंगे। फैक्ट्रियां चलाने वाले मालिकों को टेंडर प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। सिडार ऑयल निकालने के लिए किसी भी निजी व्यक्तियों को न तो लाइसेंस मिलेगा और न ही फैक्टरी चलाने वाले मालिकों को अनुमति, यानी टेंडर में अव्वल रहने वाले फैक्टरी मालिकों को वन विभाग खुद ऑयल निकालकर देगा। संबंधित फैक्टरी मालिक को सरकार के खाते में रॉयल्टी भी जमा करनी होगी।

तीन और बिरोजा फैक्टरी खोलने की तैयारी

सरकार तीन और बिरोजा फैक्टरी खोलने की तैयारी में है, जहां सिडार ऑयल भी निकाल सकते हैं। हालांकि वर्तमान में छह फैक्टरी हैं, लेकिन यहां अभी तक सिडार ऑयल नहीं निकाला जाता। इसके अवैध करोबार पर लगाम कसने के लिए वन विभाग ने ऐसा प्रस्ताव तैयार कर दिया है। देवदार के सूखे पेड़ों के जड़ों से ही सिडार का तेल निकलता है, लेकिन अवैध कारोबार करने वाले हरे पेड़ काटकर सिडार ऑयल निकाला जा रहा है। पुरानी पॉलिसी के मुताबिक रॉयल्टी 540 रुपए प्रति क्विंटल लकड़ी के हिसाब से वसूली जाती थी। नई नीति तैयार होने के बाद 950 से एक हजार रुपए प्रति क्विंटल लकड़ी के हिसाब से रॉयल्टी जमा करनी होगी। दवाओं में प्रयोग होने वाला सिडार ऑयल बंगलूर में बेचा जाता हैं। वन विभाग को अभी तक यह मालूम नहीं है कि इसकी कीमत क्या है? बताते हैं कि 400 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से यह तेल बिक रहा है।