सुरक्षा मुस्तैद, सोशल मीडिया पर पहरा..अयोध्या पर फैसले से पहले देशभर में अलर्ट

By: Nov 7th, 2019 11:12 am

अयोध्या जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाएगा (फाइल फोटो)अयोध्या जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट कुछ दिन में फैसला सुना सकता है. इसे लेकर उत्तर प्रदेश समेत कई प्रदेशों में खास तैयारियां की गई है. उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में धारा-144 लागू है और अयोध्या से जुड़े किसी भी आयोजन पर रोक लगा दी गई है. इसके साथ ही अयोध्या से सटे जिले अंबेडकरनगर के कई स्कूलों में 8 अस्थायी जेल बनाई गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सांसदों और मंत्रियों को क्षेत्र में रहने का निर्देश जारी किया है.

पीएम ने अपने सांसदों मंत्रियों को शांति कायम करने के निर्देश तो दिए ही हैं. साथ ही देश के अलग-अलग शहरों में प्रशासन भी सख्त हो रहा है. शहरों में सुरक्षा व्यवस्थाएं बढ़ा दी गई हैं. इसके अलावा प्रशासनिक अधिकारी अलग-अलग शहरों में सभी धर्मों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें करके शांति का संदेश दे रहे हैं. कोशिश यही है कि अयोध्या विवाद के फैसले के बाद देश में अमन कायम रहे.

सोशल मीडिया मॉनीटर के लिए बनाई गई टीम

उत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए टीम बना दी गई है. डीजीपी मुख्यालय पर सोशल मीडिया मॉनीटर टीम बनाई गई है. इसकी अगुवाई साइबर क्राइम के आईजी अशोक कुमार सिंह कर रहे हैं. इस टीम की जिम्मेदारी सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों को चिन्हित करना है. इस टीम ने पिछले 15-20 दिनों में 72 लोगों को गिरफ्तार किया है.

मुस्लिम धर्मगुरुओं और साधुओं के साथ बैठक

शाहजहांपुर में भी डीआईजी और जिले के आला-अधिकारियों ने शहर के मानिंद लोगों के साथ शांति बैठक की, यहां डीआईजी ने साफ लफ्ज़ों में कहा कि अराजक तत्वों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा. उन्होंने शहर के लोगों से शांति की अपील भी की. प्रयागराज में भी पुलिस के आला अधिकारियों ने मुस्लिम धर्मगुरुओं और सनातम धर्म को मानने वाले गुरुओं के साथ बैठकें कीं. दोनों वर्गों से प्रशासन ने शहर की शांति व्यवस्था कायम रखने की अपील की.

जिलों में धारा-144 लागू, अफसरों की छुट्टियां रद्द

अयोध्या में कई जिलों की पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है. चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर लिया गया है. साथ ही हर जिले में लोगों की पहचान की जा रही है, जो सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ सकते हैं. योगी सरकार ने पुलिस प्रशासन के सभी अफसरों की छुट्टियां 30 नवंबर तक के लिए रद्द कर दी हैं. उन्हें मुख्यालय में ही रहने के निर्देश जारी किया है.

पोस्टर-बैनर लगाने पर रोक, 16 हजार स्वयंसेवी तैनात

पुलिस की खास नजर सोशल मीडिया पर है. अयोध्या पर फैसले को लेकर सोशल मीडिया गाइडलाइन जारी की गई है. फैसले के खिलाफ या समर्थन में जश्न मनाने वाले पोस्ट या मैसेज भेजने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके साथ शहरों में अयोध्या से जुड़े कोई पोस्टर या बैनर नहीं लगाए जाएंगे. अयोध्या पुलिस ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री पर नजर रखने के लिए 16 हजार स्वयंसेवियों को तैनात किया है.

किसी तरह के प्रदर्शन पर रोक, उल्लंघन पर कार्रवाई

उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने वक्फ बोर्ड की अधीन स्थानों जैसे इमामबाड़ा मस्जिद, दरगाह, कार्यालय, कब्रिस्तान, मजार आदि पर अयोध्या मसले को लेकर किसी प्रकार का भाषण या धरना-प्रदर्शन आयोजन करने पर रोक लगाई गई है. अगर कोई इस आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस बाबत मुस्लिम संगठनों के कई पदाधिकारी, मौलवी और बुद्धिजीवियों के साथ बैठक भी की गई.

बेवजह बयानबाजी से बचें नेता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक की. इस बैठक में मोदी ने अपने मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और नेताओं को सीधा संदेश दिया कि वो अयोध्या विवाद के फैसले से पहले अपने अपने क्षेत्रों में शांति व्यवस्था कायम करने के प्रयास में लग जाए. पीएम मोदी ने कहा कि उकसाने वाली बयानबाजी नहीं होनी चाहिए. सभी नेता अयोध्या विवाद पर बेवजह बयान देने से बचें.


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