स्कूल कितने सेफ, जल्द बताएं

शिमला – शिमला जिला में कितने सरकारी स्कूल सेफ नहीं हैं, इसकी रिपोर्ट जल्द भेजने के आदेश दिए हैं। अब जिला के खस्ताहाल सरकारी स्कूलों का स्वरूप बदला जाएगा। बता दें कि जिला के सैकड़ों स्कूलों की हालत इतनी बुरी है कि यहां छात्रों को पढ़ाना मुश्किल हो जाता है, वहीं बरसात व सर्दियों में तो खासी दिक्कतें होती हैं। भारत व राज्य सरकार के आदेशों के बाद जिला में छात्रों की सुरक्षा अब स्कूल सेफ्टी प्रोग्राम करेगा। शिक्षा विभाग ने इस बाबत जिला उपनिदेशक को अधिसूचना जारी कर दी है। प्रशासन की ओर से जारी हुई इस अधिसूचना में साफ किया गया है कि सभी जिला से उपनिदेशक आपदा प्रबंधन व  इसके बचाव के लिए स्कूलों में क्या होना चाहिए, इसका प्लान बनाकर दिसंबर तक भेजें। शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए आदेशों में कहा गया है कि जिला उपनिदेशक अपने जिला से यह भी रिपोर्ट भेजें कि कितने स्कूल प्रबंधन आपदा की स्थिति में सुरक्षित नहीं हैं। वहीं, ऐसे स्कूलों की रिपोर्ट भेजने के आदेश भी दिए गए हैं, जो सुरक्षित हैं। दरअसल राज्य सरकार स्कूल सेफ्टी प्रोग्राम के तहत स्कूलों को बजट देगी। इस दौरान स्कूल के जो भवन आपदा की दृष्टि से खतरे में होंगे, उन्हें दूसरी बार बनाया जाएगा। शिक्षा विभाग ने स्कूल सेफ्टी प्रोग्राम के आदेशों को गंभीर लेने को कहा है। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर सरकारी स्कूलों ने आपदा के बचाव को लेकर एक्शन प्लान नहीं भेजा तो, ऐसे में कार्रवाई भी उपनिदेशकों के खिलाफ अमल में लाई जाएगी। विभागीय जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब सभी स्कूल भूकंप विरोधी होंगे। वहीं, जिन स्कूलों की हालत खराब हो गई है, उन स्कूलों के भवनों को नए तरीके से बनाया जाएगा। गौर हो कि शिक्षा विभाग ने पहली बार स्कूल सेफ्टी प्रोग्राम के तहत उपनिदेशकों से सुझाव मांगे हैं। जानकारी के अनुसार जिलों से सुझाव आने के बाद शिक्षा विभाग इन सुझाव को सरकार को भेजेगा। वहीं, सबसे बेस्ट सुझाव के आधार पर सरकारी स्कूलों को छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर दूसरी बार तैयार किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि स्कूल सेफ्टी प्रोग्राम के तहत स्कूल प्रबंधन को छात्रों को भी जागरूक करना होगा। स्कूलों में छात्रों के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम करवाने होंगे।