हमीरपुर नगर परिषद की बॉस बनी निजी कंपनी
हर महीने तीन लाख देने पर भी कई वार्डों की स्ट्रीट लाइट्स खराब
हमीरपुर- नगर परिषद की सत्ता में एक निजी कंपनी बॉस बन गई है। तीन लाख रुपए महीना चुकाने के उपरांत भी नगर परिषद के कई वार्डों में स्ट्रीट लाइटों की समस्या बरकरार है। डिमांड के अनुसार करीब 300 खंभों पर लाइटें नहीं लगाई गईं। बताया जा रहा है कि स्ट्रीट लाइटों की देखरेख के लिए तैनात दो कर्मचारियों का वेतन भी नहीं दिया जा रहा। ऐसे में नगर परिषद के लिए मुसीबत खड़ी हो गई हैं। वार्डों के पार्षद भी कंपनी के इस रवैये से खासे परेशान हैं। नगर परिषद के हरेक वार्ड में स्ट्रीट लाइटों की समस्या बनी हुई है। वहीं, नगर परिषद प्रबंधन ने भी माना की कंपनी को हर माह तीन लाख रुपए दिए जाते हैं। बावजूद इसके अगर समस्या हल नहीं हो रही तो यह चिंता का विषय है। शुक्रवार को हुई नगर परिषद की मीटिंग में यह मुद्दा जमकर उछला। हर कोई कंपनी की कार्यशैली को कोस रहा था। विवादों में रहने वाली नगर परिषद हमीरपुर में अध्यक्ष और पार्षदों तक की सुनवाई नहीं हो रही है। हालात ऐसे हैं कि एक मीटिंग से दूसरी मीटिंग में समस्याएं लंबित होती चली आ रही हैं, लेकिन उनके समाधान के लिए व्यापक कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। एक ही समस्या को बार-बार मीटिंग में उठाया जा रहा है। शुक्रवार को भी दोपहर बाद नगर परिषद हमीरपुर के कार्यालय में अध्यक्ष सुलोचना देवी की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन हुआ। इस बैठक में भी लंबित मांगों पर विस्तार से चर्चा की गई। बताते चलें कि लाखों रुपए के खर्च के बावजूद हालात ऐसे हैं कि कभी दिन में ही नगर परिषद के एरिया में स्ट्रीट लाइट जली रहती हैं तो कभी रात के अंधेरे में कई दिनों तक यह गुल रहती हैं। इस अव्यवस्था को लेकर कई बार शहर के लोगों की तरफ से पार्षदों और अध्यक्ष को समस्या तो बताई जाती है, लेकिन इस फिजूलखर्ची पर रोक लगाने में अभी तक नगर परिषद नाकाम ही रही है।
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App