हिमाचल के सात जिलों में खुलेंगी ट्राउट हैचरी
निजी क्षेत्र में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार करेगी मदद, फीड मिल, ट्राउट इकाइयों के निर्माण में देगी वित्तीय सहायता
शिमला –प्रदेश सरकार ने सात जिलों में प्राइवेट ट्राउट हैचरी स्थापित करने का निर्णय लिया है। मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि आने वाले वर्षों में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत ये हैचरी कुल्लू, मंडी, शिमला, किन्नौर, चंबा, कांगड़ा और सिरमौर जिलों स्थापित होंगी और प्रत्येक हैचरी में प्रति वर्ष दो लाख की ट्राउट ओवा उत्पादन क्षमता होगी। निजी क्षेत्र में ट्राउट मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न केंद्र प्रायोजित और राज्य योजनाओं के अंतर्गत ट्राउट इकाइयों, हैचरी, फीड मिलों, खुदरा दुकानों आदि के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है। प्रदेश में इस साल 685 मीट्रिक टन मछली उत्पादन होने की संभावना है। हालांकि मत्स्य पालन विभाग ने आठ सौ मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा है। हिमाचल प्रदेश की बारहमासी नदियां ट्राउट मछली उत्पादन और मछुआरों को अपनी आमदनी में वृद्धि के लिए अपार अवसर प्रदान करती है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ वर्षों में हिमाचल प्रदेश देश में प्रमुख ट्राउट मछली उत्पादक राज्य के रूप में उभरा है। इस वित्त वर्ष दौरान ट्राउट मछली उत्पादन रिकार्ड 685 मीट्रिक टन होने की संभावना है। राज्य सरकार ने सीएसएस नीति क्रांति के अंतर्गत शिमला, चंबा और कांगड़ा में ट्राउट मछली के आउटलेट खोलने का फैसला किया है, जिन्हें शीघ्र कार्यशील बनाया जाएगा। हिमाचल प्रदेश में व्यास, सतलुज और रावी नदियों की बर्फीली नदियों में मत्स्य पालन आरंभ गया है, जो पहाड़ी राज्यों में ट्राउट के लिए सबसे अनुकूल है। वर्तमान में राज्य में होने वाले ट्राउट मछलियों के उत्पादन में से लगभग 50 प्रतिशत की बिक्री मुख्य रूप से दिल्ली, मुंबई और चेन्नई आदि जैसे महानगरों के पांच सितारा होटलों में की जा रही है। इसलिए इस क्षेत्र में बढ़ती संभावनाओं के मद्देनजर सरकार ने ट्राउट मछली के उत्पादन को बढ़ाने का निर्णय लिया है।
विपणन के लिए बनेगा क्लस्टर
प्रदेश के सात ट्राउट मछली उत्पादन जिलों कुल्लू, मंडी, शिमला, किन्नौर, चंबा, कांगड़ा और सिरमौर में वर्ष 2018-19 के दौरान 2558 लाख रुपए का कुल 568.443 मीट्रिक टन ट्राउट मछली उत्पादन दर्ज किया गया। मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि राज्य ने वर्ष 2020-21 के दौरान ठंडे पानी में 800 मीट्रिक टन ट्राउट मछली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, जबकि वर्ष 2021-22 के लिए 950 मीट्रिक टन ट्राउट मछली उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मत्स्य पालन विभाग ने ट्राउट मछली की बिक्री के लिए 940 ट्राउट इकाइयां विकसित करने के लिए महत्त्वाकांक्षी विपणन नीति भी तैयार की है। विभाग फिश वैन के माध्यम से ट्राउट मछली के विपणन के लिए इस वित्त वर्ष के दौरान ट्राउट क्लस्टर स्थापित करेगा।
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