हिमोत्कर्ष वजीफे को 14300 ने दी परीक्षा

By: Nov 25th, 2019 12:01 am

ऊना – हिमोत्कर्ष साहित्य संस्कृति एवं जनकल्याण परिषद द्वारा हिमोत्कर्ष छात्रवृत्ति परीक्षा-2019 का आयोजन रविवार 24 नवंबर को किया गया। छात्रवृत्ति परीक्षा में प्रदेश के पांच जिलों में 141 परीक्षा केंद्रों में 14300 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। परीक्षा के तहत आठवीं, नौवीं व दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए ऑब्जेक्टिव टाइप परीक्षा हुई। रविवार को सुबह 11 बजे सभी परीक्षा केंद्रों में परीक्षा शुरू हुई, जो कि 12 बजे संपन्न हुई। हिमोत्कर्ष छात्रवृत्ति प्रकल्प के निदेशक कर्णपाल मनकोटिया ने बताया कि जिला ऊना में 57, हमीरपुर में 13, कांगड़ा में छह, चंबा में चार, डल्हौजी में 22, नूरपुर में 15, पालमपुर में चार तथा सिरमौर में 20 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इनमें 420 स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं ने अपनी निःशुल्क सेवाएं प्रदान कीं। उन्होंने बताया कि परीक्षा में ऊना जिला से कुल 5478 विद्यार्थियों ने परीक्षा में भाग लिया, जिसमें आठवीं में 1703, नौवीं में 1803, दसवीं में 1972 विद्यार्थी शामिल हैं। चंबा जिला में कुल 722 बच्चों ने परीक्षा दी, जिसमें आठवीं कक्षा से 187, नौवीं कक्षा से 292, दसवीं कक्षा से 243 बच्चे शामिल हैं। डल्हौजी शाखा के तहत कुल 1962 बच्चे परीक्षा में बैठे, जिसमें आठवीं कक्षा से 522, नौवीं से 663 तथा दसवीं से 777 विद्यार्थी शामिल हैं। हमीरपुर जिला में कुल 1151 बच्चे परीक्षा में अपीयर हुए। इसमें आठवीं से 368, नौवीं से 400 तथा दसवीं से 383 विद्यार्थियों ने परीक्षा में भाग लिया। कांगड़ा जिला में कुल 3793 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी, जिसमें नूरपुर ब्रांच से कुल 2745 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी। इसमें आठवीं से 804, नौवीं से 1007, दसवीं से 934 बच्चे शामिल हैं। पालमपुर ब्रांच में कुल 203 बच्चे परीक्षा में बैठे, जिसमें आठवीं से 45, नौवीं से 75, दसवीं से 83 बच्चे शामिल हैं। इसी तरह कांगड़ा शाखा के तहत कुल 845 बच्चे परीक्षा में शामिल हुए, जिसमें आठवीं से 258, नौवीं से 295, दसवीं से 292 बच्चे शामिल हैं। सिरमौर जिला में कुल 1194 विद्यार्थियों ने परीक्षा में भाग लिया, जिनमें आठवीं कक्षा से 358, नौवीं से 420 तथा दसवीं से 416 बच्चे शामिल हैं। कर्णपाल सिंह मनकोटिया ने बताया कि परीक्षा का परिणाम अगले माह के अंत तक घोषित कर दिया जाएगा। परीक्षा के आधार पर प्रदेश भर से पात्र छात्र-छात्राओं को मैरिट, निर्धनता के आधार पर नगद छात्रवृत्ति व रजत पदकों से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस पूरे प्रकल्प पर परिषद हर साल लगभग 10 लाख रुपए की राशि व्यय करती है। उन्होंने कहा कि जनसहयोग से हिमोत्कर्ष परिषद पिछले 31 सालों से इस प्रकल्प को चला रही है। उन्होंने परीक्षा में सहयोग करने वाले सभी स्वयंसेवियों का आभार व्यक्त किया है।


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