ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ व्यापारी

कैट ने ई-कॉमर्स कंपनियों पर कार्रवाई के लिए लिखा वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र

नई दिल्ली –अखिल भारतीय व्यापारी महासंघ (कैट) ने ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ अपनी मुहिम तेज करते हुए उन पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) संबंधी नीति एवं कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाया और सरकार से कार्रवाई की मांग की। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में कैट ने श्री गोयल से ऐसी ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। उसने कहा कि वे कंपनियां, जो एफडीआई नीति का पालन नहीं करती हैं और देश में अपने व्यवसाय के संचालन में अनुचित, अनैतिक और दुर्भावना से व्यापार कर रही हैं उन पर कार्रवाई की जानी चाहिए। उसने इस बात पर आपत्ति जताई कि एमएसएमई मंत्रालय ने छोटे खुदरा विक्रेताओं को ई-कॉमर्स से जोड़ने लिए कुछ प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ हाथ मिलाने का इरादा किया है, जिसके लिए मंत्रालय उन्हें वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगा। कैट ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार उन कंपनियों के साथ हाथ मिला रही है, जो आदतन अपराधी हैं और जिनके खिलाफ विभिन्न देशों में कई जांच चल रही है और विभिन्न देशों में उन पर दंड भी लगाया गया है। उनके साथ सरकार का हाथ मिलाना बेहद निराशाजनक है।  देश के व्यापारी सरकार की ऐसी मिलीभगत को स्वीकार नहीं करेंगे। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि यह बेहद अफसोस की बात है कि इस तरह की ई-कॉमर्स कंपनियां एफडीआई नीति के सभी मूल सिद्धांतों का उल्लंघन कर रही हैं और आर्थिक घुसपैठिए, कर अपराधी, सरकार की नीति के उल्लंघनकर्ता और कानून और क्रॉनी कैपिटलिस्ट’ बनकर देश के ई-कॉमर्स एवं खुदरा व्यापार को नियंत्रित करना चाहती हैं।  उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसी ई-कॉमर्स कंपनियां खुल कर सरकार की नीति और कानून का खुलेआम उल्लंघन कर रही हैं तथा अब तक देश में किसी भी एजेन्सी ने इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।  उन्होंने कहा कि इन कंपनियों ने ऑफलाइन रिटेलर्स के व्यापार को बहुत नुकसान पहुंचाया है और उन्होंने इसे तबाह कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप हजारों दुकानें बंद हो गईं हैं और ऐसा होने से उन्हें काफी नुकसान हो गया है।