कैसे टूट गया बीजेपी का तिलिस्म?

By: Dec 23rd, 2019 9:08 pm

370, राम मंदिर, नागरिकता कानून…तमाम दावों के बीच झारखंड में कैसे टूट गया बीजेपी का तिलिस्म?

रांची –  झारखंड चुनाव में मिली सियासी हार बीजेपी के लिए किसी झटके से कम नहीं है। प्रदेश में महागठबंधन की जीत के बाद अब हेमंत सोरेन नए सीएम बनने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं रघुबर दास ने जहां झारखंड के जनादेश को स्वीकार करने की बात कही है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी अब उन कारणों पर मंथन करने में जुटी है, जिसके कारण उसे इस बार हार का सामना करना पड़ा है। झारखंड के चुनावी रिजल्ट ने एक बार फिर सियासत में केंद्रीय मुद्दों पर स्थानीय मुद्दों के हावी होने के संकेत दिए हैं। झारखंड के चुनाव के वक्त पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कई रैलियां की। देश के अन्य राज्यों की तरह झारखंड के चुनाव में जहां बीजेपी ने केंद्र सरकार की उपलब्धियों और मुद्दों के आधार पर लोगों को पक्ष में करने का प्रयास किया, वहीं गठबंधन के लोग स्थानीय मुद्दों पर जोर देते रहे। झारखंड में बीजेपी की रैली में जहां अमित शाह ने आकाश से ऊंचा राम मंदिर बनाने जैसे बयान देकर लोगों को लुभाने की कोशिश की, वहीं पीएम मोदी भी अपने भाषणों में कांग्रेस की कमियों पर बरसते रहे। स्थानीय मुद्दों से इतर भाषणों में ऐसे जिक्र के कारण ही बीजेपी को काफी नुकसान उठाना पड़ा।

नागरिकता कानून और एनआरसी की लड़ाई
झारखंड चुनाव के मतदान उस वक्त हुए जब देश की संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक को पास कराया गया। केंद्रीय संसद में पास हुए नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए तो झारखंड में बीजेपी को इसका नुकसान भी उठाना पड़ा। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में एनआरसी और नागरिकता कानून का जमकर विरोध होना भी बीजेपी के लिए नुकसान का कारण बना।


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