कोटला पीएचसी का बढ़ाओ दर्जा

जवाली – विधानसभा क्षेत्र जवाली के अंतर्गत कोटला में वर्ष 1928 में अंग्रेजों के जमाने की डिस्पेंसरी को आज तक मात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का ही दर्जा मिल पाया है जबकि आबादी के हिसाब व पठानकोट-मंडी नेशनल हाई-वे के किनारे होने के कारण इसका दर्जा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होना अति आवश्यक है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोटला पर कोटला क्षेत्र की पंचायत डोल, जोल, कोटला, वेही पठियार, सोलदा, भाली, त्रिलोकपुर, कोठीवंडा, चंबा की जोलना सहित करीबन 15 पंचायतों की 80 हजार से अधिक आबादी चिकित्सा सुविधा के लिए निर्भर करती है, इसके अतिरिक्त नेशनल हाई-वे पर दुर्घटना इत्यादि होने के उपरांत भी लोग इसी अस्पताल में उपचार के लिए आते हैं। कोटला क्षेत्र की जनता ने कहा कि पीएचसी कोटला में दिन को तो चिकित्सा सुविधा मिल जाती है परंतु रात्रि समय में लोगों को चिकित्सा सुविधा लेने के लिए करीब 25 किलोमीटर दूर सिविल अस्पताल नूरपुर या 30 किलोमीटर दूर शाहपुर जाना पड़ता है। लोगों ने कहा कि पिछले कई सालों से इस अस्पताल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने की मांग उठाई जा रही है लेकिन प्रतिनिधि मात्र आश्वासनों से ही काम चल रहे हैं। गत कांग्रेस सरकार में सीपीएस रहे नीरज भारती के नेतृत्व में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोटला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने की घोषणा हुई जिस पर पीएचसी कोटला में आलीशान भवन भी बन गया परंतु बाद में राजनीति के चलते इस स्वास्थ्य केंद्र की बजाय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुठेहड़ को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा दे दिया गया। जनता ने कहा कि अब सरकार धर्मशाला (तपोवन) में आई है तो ऐसे में सरकार को इस स्वास्थ्य केंद्र के स्तरोन्नत करने की तरफ ध्यान देना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार से गुहार लगाई है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोटला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा देकर लोगों की मांग को पूरा किया जाए।