क्रांतिकारी योद्धा थे यशपाल

By: Dec 3rd, 2019 12:01 am

लेखक की जयंती पर साहित्यकारों ने साझा किए विचार

मंडी – क्रांतिकारी लेखक यशपाल की जयंती की पूर्व संध्या पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला द्रंग में लेखक एवं कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। भाषा एवं संस्कृति विभाग से सौजन्य से आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन दो सत्रों में किया गया। पहले सत्र की अध्यक्षता डा. गंगा राम राजी ने की, जबकि कविता गोष्ठी की अध्यक्षता डा. राकेश कपूर ने की। पहले सत्र का आगाज स्थानीय पाठशाला के प्रधानाचार्य एवं साहित्यकार प्रकाश चंद्र धीमान द्वारा यशपाल के जीवन और कृतित्व पर प्रपत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि यशपाल एक क्रांतिकारी योद्धा रहे हैं। वह शहीद-ए-आजम भगत सिंह के साथी रहे हैं और बम बनाने से लेकर बम फोड़ने तक के कार्यों में सक्रिय रहे और कई बार जेल भी गए। इसके बावजूद उनका लेखन कर्म और पत्रकारिता भी जारी रही। उन्होंने कई कहानियां और उपन्यास के अलावा कई किताबों का अनुवाद किया। दिव्या, झूठा सच, मनुष्य के रूप, दादा कामरेड आदि उपन्यास चर्चित हैं। डा. गंगाराम राजी ने कहा कि यशपाल का जन्म होशियारपुर में हुआ था, लेकिन उनके पुरखे हिमाचल से थे। इसलिए उन्हें हिमाचल से लगाव था। वह स्वयं को पहाड़ी कहने में गौरव महसूस करते थे। पवन चौहान, डा. कमल प्यासा ने भी अपने विचार रखे। वहीं किरण गुलेरिया, हंसराज शर्मा, कृष्णचंद्र महादेविया, रूपेश्वरी शर्मा, पूर्णेश गौतम, ममीनुर हुसैन, जगदीश कपूर, हरिप्रिया शर्मा, हीरा सिंह कौशल, अर्पणा धीमान, पवन चौहान, प्रकाश चंद्र धीमान और डा. राकेश कपूर ने भी कविता पाठ किया। जिला भाषा अधिकारी रेवती सैणी ने विभाग की गतिविधियों के बारे में अवगत करवाया।


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