गांवों से हटाए जाएं अवैध कब्जे

चंडीगढ़ प्रशासन के शहरी विभाग ने नगर निगम को लिखा पत्र, तुरंत कार्रवाई की उठाई मांग

चंडीगढ़ –चंडीगढ़ प्रशासन ने सभी गावों नगर निगम के हवाले करने के बाद अब उनमें किए गए अवैध निर्माणों को हटाने की जिम्मेदारी भी उसे ही सौंप दी है। इस संबंध में प्रशासन के शहरी नियोजन विभाग ने निगम को पत्र लिख कर गांवों में किए गए अवैध निर्माणों को पहचान कर उनके विरुद्ध तत्काल कार्रवाई करने को कहा है। इस पत्र की प्रतियां निगमायुक्त के अतिरिक्त जिलामजिस्ट्रेट एवं भू-अधिकरण अधिकारी को भी भेजी गई हैं। इस संबंध में निगम के एक वरिष्ट अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इन गावों में तो अवैध निर्माण तब से हो रहे हैं जब वह प्रशासन के अंतर्गत थे। तब अवैध निर्माण रोकने के गंभीर प्रयास नहीं किए गए। अब इनके विरुद्ध कारवाई के लिए निगम से कहा जा रहा है जबकि निगम के पास न तो पूरा स्टाफ  है। सूत्रों के अनुसार इस पत्र में कहा गया है कि गावों में किए गए अवैध निर्माण अधिसूचित चंडीगढ़ मास्टर प्लान 2031 के खिलाफ हैं। इस मास्टर प्लान में पैराफरी शहरी क्षेत्रों के नियोजित विकास की योजना है। पत्र में कहा गया है कि यह अनाधिकृत निर्माण चंडीगढ़ के नियोजित विकास के चरित्र को बदल रहे हैं। इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि जब से इन गावों को निगम के हवाले किया गया है तब से अनाधिकृत निर्माणों में और तेजी आई है। सूत्रों के अनुसार विभाग ने अपने पत्र के साथ अपने किसी सर्वे की रिपोर्ट भेजने की बजाय गूगल से डाऊनलोड कर चंडीगढ़ के गावों की तस्वीर भेजी है। उल्लेखनीय है कि जनगणना रिपोर्ट में चंडीगढ़ के गावों का शहरीकरण होने का उल्लेख है व उसी के आधार पर प्रशासन ने अपने अधिकारक्षेत्र में आते सभी गांवों निगम के हवाले कर दिए थे। जिन गावों का स्वरुप शहरी हो चुका है उनमें किशनगढ़, मनीमाजरा, हल्लोमाजरा, मलोया, बापू धाम के आसपास के क्षेत्र सुखना, खुड्डा अली शेर, कैंम्वाला आदि शामिल हैं व इन्हीं में सबसे अधिक अनाधिकृत निर्माण हुए हैं। संबंधित अधिकारी का कहना है कि अगर अनाधिकृत निर्माण को नहीं रोका गया तो चंडीगढ़ मास्टर प्लान में जो योजना है उसके लिए जगह ही नहीं बचेगी। कथित भू-माफिया कृषि भूमि को खरीद कर उन्हें छोटे टुकडों में आवासीय इकाईयों के लिए या तो बेच रहे हैं या फिर छोटे छोटे कमरे बना कर उन्हें किराये पर दे रहे हैं।विभाग ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने को कहा है ताकि मास्टर प्लान में परिकल्पित विकास सुनिश्चित कियाजा सके।