घोटालों की जांच में बिज़ी विजिलेंस

By: Dec 8th, 2019 12:30 am

ऑक्सीजन गैस सिलेंडर केस में एफआईआर की तैयारी, भाजपा चार्जशीट में लगे थे आरोप

शिमला-भाजपा चार्जशीट में ऑक्सीजन गैस सिलेंडर घोटाले में स्टेट विजिलेंस कभी भी एफआईआर दर्ज कर सकती है। स्टेट विजिलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो ने प्रारंभिक जांच पूरी कर दी है। ऐसे में अब पूर्व की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ऑक्सीजन गैस घोटाले की परतें खुलेंगी। भाजपा चार्जशीट में आरोप लगे थे कि सिंगल टेंडर कर चहेती कंपनी को ही ऑक्सीजन गैस सिलेंडर आपूर्ति के लिए एग्रीमेंट किया गया। हालांकि टेंडर प्रक्रिया में तीन कंपनियों ने भाग लिया था, लेकिन तकनीकी छंटनी के दौरान दो कंपनियों को डिसक्वालिफाई कर दिया गया और चहेती कंपनी के नाम बिड खोलने का निर्णय लिया था। बीजेपी चार्जशीट में यह भी आरोप लगे हैं कि डी टाइप ऑक्सीजन गैस सिलेंडर मंडी से शिमला पहुंचाने के बाद 205 रुपए प्रति मिलता रहा, जबकि पूर्व सरकार के समय जिस कंपनी को टेंडर दिया गया। वहीं, कंपनी आईजीएमसी में ही 255 रुपए प्रति सिलेंडर के हिसाब से सप्लाई कर रही है। भाजपा चार्जशीट में आरोप हैं कि आईजीएमसी के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई कर रही पूर्व की कंपनी के साथ 15 साल के लिए टेंडर करवाए गए थे। बावजूद इसके 45 रुपए अधिक सिलेंडर के हिसाब से खरीदने का निर्णय पूर्व सरकार ने लिया था। यहां तक कि पर्चेज कमेटी भी दो-दो बनी थी। टेंडर में ऐसी भी शर्तें लगी थी कि पांच साल बाद पांच प्रतिशत प्रति वर्ष कीमत बढ़ने से डी टाइप ऑक्सीजन गैस सिलेंडर 15 वर्ष बाद 425 रुपए में मिलेगा। ऐसे में विजिलेंस भाजपा चार्जशीट में लगे ये आरोप खंगालने के लिए जांच खोल दी है। भाजपा ने चार्जशीट में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर के खिलाफ कई संगीन आरोप लगाए हैं। बताया गया कि विजिलेंस आने वाले दिनों में आईजीएमसी में इस मामले की रिपोर्ट खंगालने के लिए दबिश देगी। विजिलेंस ने बीते दिनों बीजेपी चार्जशीट की जांच में तेजी लाने के लिए समीक्षा बैठक भी की थी।

 मुख्यमंत्री ने विजिलेंस को सौंपी आयुर्वेद विभाग में उपकरण खरीद मामले की जांच की कार्रवाई

शिमला-आयुर्वेद विभाग में उपकरण खरीद मामले की जांच अब स्टेट विजिलेंस करेगी। प्रदेश सरकार ने विजिलेंस को जांच करने के निर्देश दिए हैं। हमीरपुर दौरे से शिमला लौटते ही शनिवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अहम बैठक ली। सूत्रों के मुताबिक अब तक हुई विभागीय जांच से सरकार संतुष्ट नहीं हैं। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विभाग से जांच रिपोर्ट भी मांगी। इस बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सचिव संजय कुंडू और सचिव आयुर्वेद अमिताभ अवस्थी मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि आयुर्वेद विभाग में उपकरण खरीद में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था। इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने तीन डाक्टरों पर निलंबन के आदेश दे दिए थे, वहीं आयुर्वेद विभाग के तत्कालीन निदेशक संजीव भटनागर को भी हटा दिया था, लेकिन जांच से सरकार संतुष्ट नहीं है, इसे देखते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मामले की जांच विजिलेंस से करवाने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में अब आने वाले दिनों में विजिलेंस प्रारंभिक जांच शुरू कर देगी। गौरतलब है कि आयुर्वेद विभाग में उपकरण खरीद घोटाले का सारा मामला मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ध्यान में आया और उन्होंने सचिव आयुर्वेद विभाग को मामले की जांच के आदेश दिए। अभी तक विभाग इस उपकरण खरीद मामले मेें कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाया है। एक बार फिर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इस मामले में गंभीर हो गए हैं। हमीरपुर दौरे से शिमला लौटते ही उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री जयराम ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि अब इस उपकरण खरीद मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी जाए, ताकि इस सारे मामले में कोई निर्दोष न फंसे और दोषी भ्रष्टचार मामले में बच न पाए।


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