छात्र-छात्राओं ने पढ़ा कानून का पाठ
कुल्लू-जिला मुख्यालय स्थित राजकीय महाविद्यालय कुल्लू में जिला विधिक जागरूकता शिविर लगाया गया। शिविर में जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं चेयरमैन जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण ने विद्यार्थियों को संविधान के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संविधान का भाग-चार है। जिसमें राज्यों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। पालिसी के लिए और नीतियां निर्धारण करने के लिए तथा उसी का अनुच्छेद नौ है, उसमें राज्यों का ये दायित्व है कि वह सुनिश्चित करे समाजिक न्याय के बारे में कि प्रत्येक व्यक्ति को कानूनी सलाह दें और गरीबों को मुफ्त कानूनी सहायता का कोई न कोई फायदा दें। उन्होंने कहा कि सबके अधिकारों की रक्षा हो और सबके साथ ठीक तरीके से काम हो, यह कानून का अंतिम उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि समानता का अधिकार हमारा सबसे बड़ा अधिकार है, अनुच्छेद-14 में समानता के अधिकार का वर्णन किया गया है कि कानून सबको बराबर नजर से देखेगा और सबको बराबर संरक्षण देगा तथा उसके बाद स्वतंत्रता का अधिकार सबसे बड़ा अधिकार है अनुच्छेद-19 में स्वतंत्रता के अधिकार को बताया गया है तथा उसके बारे में काफी विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंनें कहा कि अधिकारों के साथ-साथ हमें अपने कर्र्तव्यों की तरफ भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम लोग अधिकारों के प्रति ज्यादा जागरूक हैं और यही चूक शायद हमारे संविधान निर्माताओं से हुई है। जब 1950 में संविधान बना तो उसमें कहीं भी मौलिक कर्त्तव्यों के बारे में बात नहीं की गई। 1976 में जाकर 42 वां संशोधन किया गया उसे लघु संविधान कहा जाता है। इस अवसर पर वहां अनिल शर्मा सचिव एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी जिला कुल्लू भी मौजूद रहे। जिन्होंने भी अपने विचार रखेए। इस अवसर पर लगभग 150 छात्र एवं छात्राएं तथा कालेज की प्राचार्या वंदना वैद्य तथा कालेज का अन्य टीचिंग स्टाफ मौजूद रहा।
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